गाजियाबाद। लालकुआं स्थित आईएमएस में महिला छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सत्र की परिकल्पना संस्थान के आभार क्लब द्वारा महिलाओं के लिए मासिक धर्म पर सही और व्यापक ज्ञान के प्रसार के लिए की गई थी। इस अवसर पर संस्थान की निदेशिका डा. उर्वशी मक्कड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूनिसेफ के अनुसार, कई लड़कियों को मासिक धर्म की सामान्य जैविक प्रक्रिया के रूप में पूर्ण और सटीक समझ नहीं है। उन्होंने बताया कि इस सम्बध में पर्याप्त जानकारी हेतु चर्चा मंचों और अन्य प्लेटफार्मों के निर्माण की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं द्वारा इस विषय पर चुप्पी तोड़ना, जागरूकता बढ़ाना और महिलाओं में मासिक धर्म स्वच्छता के आसपास के नकारात्मक सामाजिक मानदंडों को बदलना है। आयोजित सत्र के लिए विशेषज्ञ वक्ता, अंकिता सुखवाल, सीएसआर कार्यकारी, यूनिचार्म इंडिया प्रा. लिमिटेड ने अपने विचार साझा किए और कहा कि संबंधित सांस्कृतिक वर्जनाओं के कारण महिलाओं और लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली मासिक धर्म संबंधी चुनौतियों को और भी कठिन बना दिया गया है। उन्होंने मासिक धर्म के तथ्य और महत्व, इसके शारीरिक प्रभाव और उचित स्वच्छता प्रथाओं के बारे में शिक्षित किया। डा. सुष्मिता बिस्वाल और डा. लक्ष्मी पांडे द्वारा समन्वित सत्र में महिलाओं को बिना किसी शर्मिंदगी का सामना किए आत्मविश्वास से मासिक धर्म के मुद्दों को सुलझाने के लिए अधिक सशक्त महसूस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।