-सोनिया के कड़े तेवरों से नरम पड़े जी-23 के नेता
-जिस किसी को कुछ कहना है सीधे बात करे
-मीडिया के माध्यम से न किया जाए कोई सवाल
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल रही सोनिया गांधी ने शनिवार को कार्यसमिति की बैठक में कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने सीधे तौर पर उन नेताओं को निशाने पर लिया जो मीडिया में बयान देकर सोनिया गांधी को टारगेट कर रहे थे। सोनिया गांधी ने कहा कि वे ही अध्यक्ष हैं, जिसको जो कुछ कहना है वह खुद आकर कह सकता है, मीडिया के माध्यम से कोई सवाल न किया जाए। सोनिया के इन कड़े तेवरों से जी-23 नेताओं का हलक सूख गया है। उन्होंने बैठक में संदेश दिया कि आपसी मनमुटाव को दूर करेंगे तभी आगामी विधानसभा चुनाव में हम बेहतर परिणाम दे सकेंगे।
सूत्रों की मानें तो पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव तक सोनिया गांधी ही अध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी। पार्टी में नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सितंबर, 2022 में चुनाव होने की संभावना है। कार्यसमिति की इस बैठक में 52 कांग्रेसी नेताओं ने भाग लिया है।
सोनिया गांधी ने कहा कि लखीमपुर हिंसा ने भाजपा की मानसिकता को उजागर कर दिया है। वह किस तरह से किसान आंदोलन को देखते हैं। किसानों द्वारा अपने जीवन और अजीविका की रक्षा के लिए चलाए जा रहे आंदोलन से भाजपा कैसे निपटती है। इसके अलावा सोनिया गांधी ने महंगाई जैसे मुद्दे पर भी कांग्रेस सरकार को घेरा।
सोनिया गांधी की फटकार के बाद जी-23 नेताओं के सुर भी बदलने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि उन्हें सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है। उनके नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। जबकि, इससे पहले गुलाब नबी आजाद और कपिल सिब्बल उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने और स्थायी अध्यक्ष चुनने की मांग की थी। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो यहां तक कह दिया था कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं हैं। फैसले कौन ले रहा है, मालूम नहीं है।