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सरकार को महंगी पड़ेगी प्रियंका की लंबी हिरासत!

कमल सेखरी
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस हिरासत में बंदी बनाए हुए 36 घंटे से भी अधिक का समय हो चुका है उन्हें न तो गिरफ्तारी दिखाकर अदालत में पेश किया जा रहा है और न ही पुलिस हिरासत से छोड़ा जा रहा है। प्रियंका गांधी ने खुद से कई बार ट्वीट कर लिखा है कि उन्हें अवैध रूप से पुलिस हिरासत में रखा गया है और उन्हें कोई भी ऐसी सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही जो आमतौर पर ऐसे राजनीतिक मामलों में इस स्तर के राजनेताओं को हिरासत में रखकर दी जाती है। सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें ऐसी भी दिखाई गई हैं जिसमें प्रियंका गांधी खुद से उस कमरे में झाड़ू लगाकर सफाई कर रही हैं जिस कमरे में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया है। इतना ही नहीं प्रियंका गांधी उस बंद कमरे से बाहर निकलकर किनसे संपर्क करती हैं, कौन उनसे मिलने आता है, इन सब बातों पर भी निगरानी रखने के लिए सीतापुर के उस गेस्ट हाउस के बाहर ड्रोन की सेवाएं ली जा रही हैं जहां प्रियंका गांधी को बंदी बनाकर रखा गया है। प्रियंका गांधी ने नेशनल मीडिया पर दिए अपने एक बयान में कहा है कि वो हिरासत से रिहा किए जाने के तुरंत बाद ही लखीमपुर खीरी जरुर जाएंगी और जहां किसानों की हत्या हुई है उस जगह जाकर लोगों से बातचीत करेंगी और घटनास्थल का मुआयना भी करेंगी। प्रियंका गांधी की इसी जिद के कारण उन्हें हिरासत से मुक्त नहीं किया जा रहा है और न ही उन्हें कोई दोष बताकर गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने इतना भी कह दिया है कि अगर सरकार छह महीने तक भी उन्हें उस छोटे से कमरे में बिना कारण बताए बंदी बनाए रखेगी तो वो छह महीने भी उस कमरे में बंदी बने रहने को तैयार हैं। वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ के हवाई अड्डे पर आज सुबह रोक दिया गया। श्री बघेल भी वहां से सड़क मार्ग से लखीमपुरी खीरी जाना चाहते थे लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें लखनऊ के हवाई अड्डे पर ही रोक दिया। दरअसल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ये चाहते हैं कि कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता किसी तरह से लखीमपुर खीरी पहुंचकर मारे गए किसानों के परिवारों से मिले और उन्हें पार्टी की तरफ से सांत्वना दे लेकिन कांग्रेस के इन सभी प्रयासों को उत्तर प्रदेश सरकार सफल नहीं होने दे रही है और इन्हीं कारणों से प्रियंका गांधी की हिरासत भी बिना गिरफ्तारी के ही अवैध रूप से बढ़ाई जा रही है। कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी को अगर बिना गिरफ्तारी दिखाए इसी तरह पुलिस हिरासत में लंबे समय तक रखा जाता तो उत्तर प्रदेश सरकार का यह काम कानूनी रूप से अवैध तो माना ही जाएगा साथ ही देशभर में योगी सरकार की किरकिरी भी होगी। प्रियंका पहले ही कह चुकी हैं कि उत्तर प्रदेश में कोई कानून हो या न हो देश में तो कानून अभी बाकी है। प्रियंका की हिरासत अगर कुछ घंटे और बढ़ा दी जाती है तो यह देश में किसी भी राजनेता की सार्वजनिक रूप से की गई पुलिस हिरासत का एक नया रिकॉर्ड होगा और योगी सरकार को इस दाग को मिटा पाना आसान नहीं होगा। उत्तर प्रदेश सरकार के लिए प्रियंका गांधी को हिरासत में रखना या तुरंत छोड़ देना यह फैसला करना काफी कठिन हो रहा है। क्योंकि हिरासत की अवधि को लंबा खींचा नहीं जा सकता और हिरासत से मुक्त होते ही प्रियंका गांधी को फिर से लखीमपुर खीरी जाने से रोकना भी योगी सरकार के लिए कठिन काम ही होगा।
इस लेख के प्रसारित होने तक कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की सरकारी तौर पर गिरफ्तारी दिखा दी गई है और उन्हें उसी गेस्ट हासउस में अस्थाई जेल बनाकर रखा गया है।

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