लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विकास की अपनी सकारात्मक सोच होती है। जहां व्यक्ति के मन में सकारात्मक सोच नहीं, वहां विकास नहीं। विकास की प्रेरणा संस्थाओं से प्राप्त होती है। यह क्रम पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता है।
मुख्यमंत्री युग पुरूष ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 52वीं पुण्यतिथि पर जनपद गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर भारत सरकार के शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान व मुख्यमंत्री ने महंत दिग्विजयनाथ पार्क में युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर दिग्विजयनगर कॉलोनी के महन्त दिग्विजयनाथ स्मृति द्वार का लोकार्पण तथा वॉर्ड संख्या-12 में ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ पार्क के जीर्णोद्धार तथा सम्पर्क मार्ग की साइड पटरी के इंटरलॉकिंग कार्य का शिलान्यास भी सम्पन्न हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांव, गरीब, नौजवान, महिलाओं सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लिए देश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की हैं। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने देश में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति पैदा की है। इस योजना के दूसरे चरण का कार्य भी प्रारम्भ हो गया है। बिना भेदभाव हर गरीब को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के हर जरूरतमंद नागरिक को सुविधाओं का लाभ मिलना ही चाहिए। यही सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। यह सनातन भाव ही हमें दुनिया के समक्ष हमारी पहचान को विशिष्ट बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में वर्ष 1990 में खाद कारखाना बंद हो गया था। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गोरखपुर का खाद कारखाना अगले माह फिर से शुरू होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में महंत बाबा गंभीरनाथ जी के नाम पर एक चेयर (शोध पीठ) की स्थापना की जायेगी। उन्होंने महंत दिग्विजयनाथ जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं को समान शिक्षा के अधिकार की दिशा में महंत दिग्विजयनाथ जी ने निरन्तर प्रयास किए। इस अवसर पर प्रदेश के जलश्शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि व शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।