- डीएम की अध्यक्षता में की गई बैठक आयोजित
- स्कूलों के आसपास बीड़ी, सिगरेट, गुटखा व तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश
गाजियाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में नशीले पदार्थों और बच्चों के नशीली दवाओं के सेवन से रोकने के लिए कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई जिसमें अधिकारियों को बच्चों और युवाओं को नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरुपयोग से रोकने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए वैधानिक निकाय है। नशीले पदार्थों और बच्चों के नशीली दवाओं के जाल में पड़ने के खतरा एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है और बच्चों और युवाओं को नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरुपयोग से रोकने के लिए एक जिम्मेदार वातावरण बनाना सभी की जिम्मेदारी है। बच्चों के बीच नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ एक युद्ध छेड़ने के लिए तथा नशे की दिशा में प्रतिमान बदलाव लाने के लिए विभिन्न अधिकारियों, संस्थानों, एजेंसियों द्वारा किए गए प्रयासों को कारगर बनाने और रणनीति बनाने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार की गई है। देश में बच्चों के बीच मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम इस संयुक्त कार्य योजना की परिकल्पना बच्चों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से दूर करने और स्कूलों/शैक्षिक और बाल देखभाल संस्थानों के आसपास के क्षेत्रों में दवाओं की बिक्री को रोकने के लिए एक समय सीमा में अभिसरण कार्यों के माध्यम से की गई है। यह बच्चों द्वारा नशीली दवाओं, पदार्थों और अन्य प्रकार के सामानों की पहुंच को रोकने के लिए कुछ रणनीतिक हस्तक्षेपों को भी अपनाता है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि संयुक्त कार्य योजना बनाकर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए कोचिंग सेंटरों सहित स्कूलों/शैक्षणिक संस्थानों के आसपास के क्षेत्रों में शराब की बिक्री न होने पाएं, बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर सहित स्कूलों/शैक्षणिक संस्थानों के आसपास के क्षेत्रों में बीड़ी/सिगरेट, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो, ये सुनिश्चित किया जाए। किसी भी फार्मेसी/केमिस्ट शॉप/मेडिकल स्टोर द्वारा बिना प्रिस्क्रिप्शन के बच्चे को शेड्यूल एच या एक्स ड्रग्स या अन्य अवैध दवाएं बेचने पर पूरी तरह से रोक के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। बच्चों में मादक द्रव्यों के सेवन का शीघ्र पता न लगना, नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन वाले बच्चों के लिए अलग या अनन्य नशामुक्ति और पुनर्वास सुविधाओं का अभाव होने पर जिलाधिकारी ने चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को बताया कि सड़क पर बड़ी संख्या में बच्चे ड्रग्स और अन्य पदार्थों का उपयोग करते दिखाई दें तो प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी को दूर करते हुए बच्चों में संवेदनशीलता और सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना सुनिश्चित करें।