- जनसामान्य के हित के लिए कराए जा रहे कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये
- मानकों के अनुरूप खाद्य पदार्थों तथा गुणवत्ता परक औषधियों की उपलब्धता की जाए
- संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए संग्रहित किए जाएं
गाजियाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि विभाग को और अधिक जन उपयोगी बनाने के लिए इसे उपभोक्ता समूहों से भी जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जनसामान्य के हित के लिए किये जा रहे कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। उन्होंने कहा कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रचलित आहार वितरण, बेसिक शिक्षा विभाग की मध्यान्ह भोजन योजना तथा खाद्य एवं रसद विभाग की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में केवल फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का वितरण सुनिश्चित कराया जाये। इस अवसर पर उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग द्वारा सुरक्षित एवं मानक के अनुरूप खाद्य पदार्थों तथा गुणवत्ता परक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा असुरक्षित एवं अधोमानक खाद्य पदार्थों तथा नकली व अधोमानक खाद्यों के रोकथाम के लिए आवश्यक कार्यवाही संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा कराई जाए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि प्रवर्तन कार्यवाही के अन्तर्गत खाद्य प्रतिष्ठानों का निरंतर निरीक्षण किया जाए तथा संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए संग्रहित कर प्रयोगशाला भेजे जाएं। इसके अलावा प्रयोगशाला में जांच परिणाम प्राप्त होने के उपरान्त जांच परिणाम के अनुसार विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। जिलाधिकारी के द्वारा आम जनमानस को उच्च गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गए साथ ही प्रवर्तन कार्य के साथ-साथ जन जागरूकता कार्यक्रम को चलाये जाने के भी निर्देश दिये गए। उन्होंने अपमिश्रित खाद्य पदार्थों एवं नकली अधोमानक एवं मिथ्याछाप औषधियों के निर्माण एवं विक्रय की रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीति बनाते हुए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिससे कि अच्छी गुणवत्ता की खाद्य सामाग्री एवं दवाइयों की उपलब्धता हो सके। जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं एकरूपता लाने के लिए स्टेक होल्डर्स एवं जन सामान्य की सहभागिता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अपमिश्रित खाद्य पदार्थों, नकली अधोमानक एवं मिथ्याछाप औषधियों के निर्माण एवं विक्रय की रोकथाम के लिए अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन रणनीति तैयार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग प्राप्त कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि समस्त खाद्य/औषधि कारोबारकर्ताओं का लाइसेंस/पंजीकरण के कार्य में सम्बन्धित विभागों, व्यापार मंडल एवं स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि बार-बार प्रयोग किये जा रहे खाद्य तेलों (यूज्ड कुकिंग आॅयल) के प्रति जन सामान्य में जागरूकता बढ़ाई जाए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी नगर शैलेंद्र सिंह, एएसपी डॉ. दीक्षा शर्मा, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विनीत कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।