कमल सेखरी
अमेरिकी फौज के आखिरी दस्ते ने कल अफगानिस्तान से कूच कर दिया। अमेरिकी फौज के वहां से पूरी तरह निकल जाने के बाद तालिबान और उससे जुड़े कई और आतंकी गुटों ने जश्न मनाया। काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी हवाई जहाज के उड़ान भरते ही तालिबानियों ने बड़ी संख्या में हवा में दनादन गोलियां चलाकर अपनी खुशी का इजहार जताया। अमेरिकी फौजों के अफगानिस्तान से बीस साल बाद बाहर निकलने पर तालिबान सहित पाक अधिकृत कश्मीर में बैठे कई आतंकी गुटों ने अब आपस में बातचीत करके नई योजनाओं को बनाना शुरू कर दिया है। जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद अजहर को एक नया संगठन बनाकर उसकी कमान सौंपी गई है। बताया जाता है कि इस नए संगठन में दस से बारह अलग-अलग आतंकी गुट अपनी रायशुमारी करेंगे और मिलकर अपनी नई योजनाओं पर काम शुरू करेंगे। भारत के खुफिया तंत्र से मिली जानकारी के मुताबिक बनाए जा रहे इस संगठन का पहला निशाना भारत को ही रखा जा सकता है और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को नई ताकत देने का काम किया जा सकता है। यह भी बताया जा रहा है कि तालिबान अफगानिस्तान से अपने कई लड़ाकुओं को प्रशिक्षण देने के लिए जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में भेज रहा है जहां पर उन्हें प्रशिक्षण देकर भारत में घुसपैठ कराने की पूरी कोशिश की जाएगी। इन बदले हालातों के बीच पाक अधिकृत कश्मीर और भारत के हिस्से वाले कश्मीर की सीमाओं पर भारत के लिए काफी खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक संबोधन में कहा है कि वो इस तरह की किसी भी संभावना से निपटने के लिए तैयार हैं और भारतीय फौजें बड़ी सतर्कता से इन बदली परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। हालांकि भारत के रक्षा के मंत्री राजनाथ सिंह ने इतना भी कहा है कि अगर तालिबान जैश-ए-मोहम्मद और अन्य किसी भी आतंकी गुट ने भारत के खिलाफ इस तरह की कोई साजिश रचकर उस पर अमल करने की भी कोशिश की तो भारतीय फौजें सक्षम हैं कि वो पाक अधिकृत कश्मीर में अंदर घुसकर भी उन्हें रोक सकें और उनके मंसूबों पर पानी फेर सकें। मौजूदा पल-पल बदलती परिस्थितियों के बीच काबुल में सामान्य नागरिकों की जिंदगी बद से बदतर होती जा रही है। जहां एक ओर उनकी जान माल को खतरा लगातार बढ़ रहा है वहीं अधिकांश घरों में रोटी खाने के भी लाले पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं तालिबानी सरकार ने सामान्य अफगानी नागरिकों के बैंक खातों पर अंकुश लगा दिया है, अब कोई भी अफगानी नागरिक एक निर्धारित सीमा से अधिक नगदी अपने बैंक खाते से नहीं निकाल पाएगा। हालांकि कुछ देश इन मौजूदा परिस्थितियों में भी तालिबान सरकार के पक्ष में नरम पड़ते नजर आ रहे हैं लेकिन कई यूरोप के देश अभी भी इस नई तालिबान सरकार को आतंकियों की सरकार भी मान रहे हैं और इन्हें किसी भी तरह का अपना समर्थन देने में गुरेज कर रहे हैं। भारत आज भी खामोश रहकर बदलते हालातों पर अपनी नजर रखे हुए है।