गाजियाबाद। किसी जमाने में तालाब गाँव या शहर की पहचान होते थे। 1950 में भारत में कुल सिंचित क्षेत्र की 17 प्रतिशत सिंचाई तालाबों से की जाती थी। ये तालाब सिंचाई के साथ साथ भूगर्भ जल स्तर को भी बनाये रखते थे। पुराने समय में ये जोहड़ भूजल स्तर बनाये रखने और गांवों के पशुओं की प्यास बुझाने के साथ साथ पानी की जरुरत को पूरा करते थे। लेकिन अब तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। अब इस देश की परम्परा और संस्कृति का हिस्सा माने जाने वाले तालाबों पर भूमाफियाओं का कब्जा हो चुका है। गाँवों में तालाबों पर कब्जा हो चुका है या उनका दायरा घट गया है। तालाबों पर भूमाफियाओं के साथ साथ सरकार ने भी अवैध कब्जे करके पाठशाला या धर्मशाला तथा पार्कों का निर्माण कर दिया है। इस बात की पुष्टि सत्येन्द्र सिंह पर्यावरणविद द्वारा 2017 में प्राप्त आरटीआई से की जा सकती है। गाजियाबाद में अर्थला स्थित इंद्रा प्रियदर्शनी पार्क जीडीए द्वारा तालाब पर ही बनाया गया है। अर्थला के गाटा संख्या 1063 का क्षेत्रफल 3.832 हेक्टेयर है, जो राजस्व दस्तावेजों में तालाब के रूप में दर्ज है।
मोरटा में देवी मंदिर तालाब की दुर्दशा के बारे में सभी अधिकारियों को मालूम है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। यहाँ पर कई मवेशी पर्यावरणविद सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि तालाब में डूब कर अपनी जान गंवा चुके हैं। पिछले साल एक घोड़ा तालाब में डूब गया और उसकी लाश भी नहीं मिली। तालाब की गन्दगी से यहां पर लोगों का जीना दूभर हो गया है। यहां पर इतनी बदबू रहती है की सांस भी लेना मुश्किल हो गया है। तालाब का पानी ओवरफ्लो होकर घरों में जा रहा है। और ये गन्दा पानी यहां पर खेतों में घुस कर कई खेतों को खराब कर चुका है। उत्थान समिति के मनु त्यागी ने बताया कि यहां पर बरसात में बीमारी फैलने का अंदेशा बना रहता है। गन्दगी के बावजूद प्रशासन व नगर निगम के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह तवंर यहां पर दो बार आ चुके हैं लेकिन सिवाय टालमटोली के कुछ नहीं किया गया है। पूरे गाँव का कचरा तालाब के किनारे डाला जाता है और उसके निबटान के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। गांव में कोई नाला ऐसा नहीं है जिसके पानी की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो। सभी नाले सिर्फ दिखावे के लिए हैं उनको मेन नाले में नहीं मिलाया गया है। नालों में गन्दा पानी बैक मारकर घरों में घुस रहा है। जिसमे मच्छर और कीटाणु पनप रहे हैं।कई बार नगर निगम में शिकायत की गयी लेकिन आजतक कोई कार्यवाही नहीं की गई। नगर आयुक्त पर यहां के निवासी कई संगीन आरोप लगा रहे हैं। यदि तुरंत इस मामले में संज्ञान लेकर कार्यवाही नहीं की गयी तो यहां के नागरिकों का गुस्सा कभी भी फट सकता है।