नई दिल्ली । जब आपका ब्लड प्रेशर अस्वस्थ स्तर तक पहुंच जाता है, तो उसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है। आपकी रक्त धमनियों से रक्त के गुजरने के प्रवाह और ब्लड को पंप करने के लिए दिल द्वारा लगाई जा रही ताकत के आधार पर ब्लड प्रेशर यानी रक्तचाप के स्तर का निर्धारण होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया भर में 1.3 अरब लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। कम या मध्यम आय वाले देशों में हाइपरटेंशन की समस्या ज़्यादा है।
हाइपरटेंशन का मुख्य कारण स्ट्रेस और अनियंत्रित खानपान होता है, जो वैसे तो किसी भी व्यक्ति का हो सकता है। लेकिन आमतौर पर घर से दूर रहने वालों में यह ज्यादा देखा गया है। हाइपरटेंशन को ही उच्च रक्तचाप व हाई बीपी की समस्या कहते है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव की वृद्धि से रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए दिल को अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। वैसे तो हाई ब्लड प्रेशर शरीर के किसी अंग को कभी भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा नुकसान हृदय को होता है। आइए, जानते हैं हाइपरटेंशन के कुछ मुख्य कारण-
कारण-
नींद की कमी, मोटापा, अत्यधिक गुस्सा करना, नॉनवेज का अधिक सेवन, तैलीय पदार्थों और अस्वस्थ भोजन का सेवन
लक्षण-
हाइपरटेंशन व उच्च रक्तचाप होने की स्थिति में व्यक्ति को शुरुआत में सिर के पीछे और गर्दन में दर्द रह सकता है। हाइपरटेंशन के रोगी को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। रक्तचाप बढ़ने पर व्यक्ति को धुंधला दिखने के साथ पेशाब के साथ खून निकलने की भी समस्या हो सकती है। उच्च रक्तचाप होने पर सिर चकराना, थकान और सुस्ती जैसे लक्षणों की भी शिकायत हो सकती है। कई बार रात में नींद न आने के साथ दिल की धड़कनों के बढ़ जाने की भी समस्या होती है।
जानकारी हो कि हाइपरटेंशन उस स्थिति को कहते हैं जब शरीर में आपकी नसों की दीवारों के विपरीत रक्त का प्रवाह बहुत अधिक बल के साथ हो रहा हो। आमतौर पर जब ब्लड प्रेशर 140/90 से अधिक होता है तो इस स्थिति को हाइपरटेंशन की श्रेणी में रखा जाता है। जब ब्लड प्रेशर 180/120 से भी ऊपर निकल जाए तो यह स्थिति घातक मानी जाती है। हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से किसी व्यक्ति में उच्च रक्तचाप की ख़तरा बढ़ जाता है। जिनमें शारीरिक गतिविधि की कमी, मोटापा, ख़राब लाइफस्टाइल और खाना शामिल हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि हाइपरटेंशन से बचाव या मैनेज करने में डाइट एक अहम भूमिका निभाती है।
हाइपरटेंशन में क्या खाएं
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, तो अपनी डाइट में इन चीज़ों को ज़रूर शामिल करें:
बेरीज़: अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर बेरीज़ को ज़रूर शामिल करें। इसके यह गुण ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मदद करते हैं। आप डाइट में स्ट्रॉबेरीज़, ब्लूबेरीज़ और रेस्पबेरीज़ को शामिल कर सकते हैं।
पालक: पालक में कैल्शियम, मैगनिशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, इसलिए इसे अपनी डाइट में शामिल करना ज़रूरी है। यह पत्तेदार हरी सब्ज़ी काफी हद तक हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में फायदेमंद साबित होती है।
सालमन: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स अपने एंटी-इफ्लामेटरी गुणों की वजह से जाने जाते हैं और इसलिए इन्हें डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए। सालमन, हेर्रिंग और माक्केरल ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर होते हैं।
हाइपरटेंशन में क्या न खाएं
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, तो इन चीज़ों से दूरी बनाकर रखें।
प्रोसेस्ड फूड: पिज़्ज़ा ,डिब्बा बंद खाना, रेडी-टू-ईट फूड जैसी चीज़ों से दूरी बना कर रखना ही फायदेमंद होगा। इन चीज़ों को खाने से LDL स्तर बढ़ता है।
रेड मीट: रेड मीट जितना कम हो सके खाएं, इससे ब्लड प्रेशर को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा ज़्यादा होती है। इसलिए बीफ, पोर्क, बकरा या लैम्ब कम से कम खाएं।
अचार: भारतीय खाने में अचार की एक अलग ही एहमियत होती है। यह खाने का स्वाद बढ़ाता है, लेकिन जो लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, उन्हें फरमेंटेड खाने की चीज़ें कम से कम शामिल करना है।