गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में भोजन और भ्रांतियां विषय पर आॅनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रो.करुणा चांदना ने न्यूट्रीशन के बारे में बताते हुए कहा कि आज हर व्यक्ति फिजिकली फिट रहना चाहता है इसके लिए रहन-सहन खानपान दिनचर्या क्या है? यह बहुत जरूरी है। लोगों को आज भ्रांति है कि ड्राई फ्रूट के लेने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है परंतु ऐसा नहीं है इससे प्रोटीन कैल्शियम ओमेगा 3 फैटी एसिड मिलता है जोकि हड्डियों और दिमाग के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने नॉनवेज, अंडे, तली, भुनी चीजें, मैदा से बनी चीजें खाने से मना किया। हालांकि मिल्क कंप्लीट फूड है फिर भी चार-पांच महीने के बाद बच्चों को सप्लीमेंट्री देनी चाहिए क्योंकि उन्हीं से इनको आयरन और विटामिन सी मिलता है यह भी ध्यान रखना है कि हर वस्तु बैलेंस करके लेनी है बहुत हद तक रात्रि को मिल्क लेना ठीक है इससे नींद अच्छी आती है उन्होंने दही के फायदे भी बताएं कैसे लेनी है कब लेनी है पर चर्चा हुई और एक व्यक्ति को 1 दिन में कितना पानी लेना है यह भी बताया, उन्होंने रात को चावल जनरली खाने से मना किया और यदि लेने भी पड़े तो बॉयल्ड ले सकते हैं और उन्होंने कहा कि ब्रेकफास्ट हेल्दी और एनर्जीक लेना चाहिए। यही एनर्जी पूरे दिन काम आती है भूखे रहने से वजन कम नहीं होता बल्कि उसके लिए सलाद, फ्रूट लें जिससे भूख कम लगेगी। बैलेंस डाइट लें। काबोर्हाइड्रेट कम नहीं करना है। यह उपयोगी होता है। शरीर रूपी बिल्डिंग का फंक्शन है इसमें। फ्रूट्स में तरबूज और खरबूजा इकट्ठे ले सकते हैं, उसके साथ अन्य फल नहीं लेने। खट्टे फ्रूट के साथ मीठे फल भी लेने से इनकार किया। केले के साथ अमरूद नहीं लेना। सब्जी के साथ फल नहीं लेना, अगर लेना ही हो तो अलग-अलग समय में लें क्योंकि फलों की पाचन शक्ति तीव्र होती है। संतरे गाजर को मिलाकर नहीं लेना आदि विषय पर विस्तृत चर्चा की। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि उचित व पौष्टिक आहार स्वस्थ शरीर की नींव है। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि परस्पर विरोधी फलाहार व भोजन से बचना चाहिए। मुख्य अतिथि मधु बेदी व अध्यक्ष दुर्गेश आर्य ने जोर देकर कहा कि भूख से कम खाना चाहिए और पाचक भोजन करना चाहिए। गायिका प्रवीना ठक्कर, रवीन्द्र गुप्ता, ईश्वर देवी, बिन्दु मदान, 90 वर्षीय सुमित्रा गुप्ता, कुसुम भंडारी, नरेंद्र आर्य सुमन, संध्या पांडेय, सुदेश आर्या ने मधुर भजन प्रस्तुत किये। प्रमुख रूप से अनिता रेलन, डॉ. तेजिन्द्र सिंह, डॉ. रचना चावला, डॉ. सुनील रहेजा, सौरभ गुप्ता, नारायण दास आर्य, अमरनाथ बत्रा, राजेश मेहंदीरत्ता आदि उपस्थित थे।