नई दिल्ली। दुनियाभर में वर्ल्ड चॉकलेट डे आज यानी 7 जुलाई को मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की शुरुआत सन 1550 में भले ही यूरोप में हुई थी, लेकिन अब यह दुनिया के हर कोने में मनाया जाता है। इस साल कोरोना वायरस के कारण लोगों मे उत्साह कम दिखा।
शुरुआती दिनों में चॉकलेट का स्वाद कुछ तीखा-सा था। इसे बदलने के लिए इसमें शहद, वनीला, चीनी के अलावा कई चीज़ें मिलाकर इसकी कोल्ड कॉफी तैयार की गई। फिर एक डॉक्टर सर हैंस स्लोन ने इसे तैयार कर पीने से खाने योग्य बनाया। जिसे कैडबरी मिल्क चॉकलेट के नाम से जाना जाता है।
मालूम हो कि 2000 साल पहले चॉकलेट के प्रमुख पेड़ केको या कोको की खोज अमेरिका के रेन फॉरेस्ट में की गई थी। इस पेड़ की फलियों में जो बीज होते हैं उनसे चॉकलेट बनाई जाती है। सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लॉग मैक्सिको और मध्य अमेरिका के ही थे। सन 1528 में स्पेन ने जब मैक्सिको पर कब्ज़ा किया, तो वहां का राजा भारी मात्रा में कोको के बीज और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ स्पेन ले गया। कुछ ही समय में चॉकलेट स्पेन के रईसों का फैशनेबल ड्रिंक बन गया।
चॉकलेट खाने में तो स्वादिष्ट होती ही है, लेकिन इसके फायदे भी कई होते हैं। इसके प्राकृतिक केमिकल्स हमारे मूड को बेहतर बनाते हैं। चॉकलेट में मौजूद ट्रीप्टोफैन हमें खुश रखते हैं, साथ ही यह हमारे दिमाग़ में इंडॉरफिन के स्तर को प्रभावित भी करता है, जिससे हम खुशहाल महसूस करते हैं। इसके अलावा चॉकलेट हमारे दिल को भी फायदा पहुंचाती है।
रिसर्च के अनुसार डार्क चॉकलेट में पॉलीफेनोल होता है, जो आपके दिल को मज़बूती देने का काम करता है। अगर रोज़ाना डार्क टॉकलेट खाई जाए, तो दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है। डार्क चॉकलेट में पाया जाने वाला पॉलीफेनोल शरीर में HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जो LDL यानी बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदा पहुंचाते हैं। अभी तक कई रिसर्च में साबित हो चुका है कि चॉकलेट खाने से आत्म-संतुष्टि बढ़ती है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होती है, जिससे मूड भी अच्छा रहता है।
जानकारी हो कि चॉकलेट में ऑक्सीडेटिव होता है, जो तनाव घटाने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। वज़न कम करने में मददगार- एक शोध में यह देखा गया कि अगर नियमत रूप से चॉकलेट का सेवन किया जाए, तो इससे बॉडी मास इंडेक्स को सही रखा जा सकता है।