लंदन, यूके में इस साल सर्दियों में कोरोना का नया वेरिएंट सक्रिय हो सकता। इसलिए कहा जा रहा है कि इस साल विंटर सीजन की ठंड काफी खतरनाक हो सकती है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुआ कहा कि यहां कोरोना वायरस के उभरने की संभावना बढ़ सकती है, जिसके चलते देश में लॉकडाउन भी लगाया जा सकता है।
समाचार एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार की सलाहकार संस्था, साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमर्जेंसीज (SAGE) के सदस्य प्रोफेसर कैलम सेम्पल ने कहा कि साल के अंत में बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। जिसके चलते हमें काफी मुश्किल का सामना करना पडे़गा, लेकिन मुझे लगता है कि अगले साल सामान्य रूप से व्यापार किया जा सकेगा।
अमेरिका में हुई रिसर्च में कोरोना वैरिएंट को लेकर एक दावा किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे लोगों में कोरोना वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। हालांकि, राहत की बात है कि लोगों में कोरोना वायरस का लोड पहले की तुलना में ज्यादा नहीं मिला है।
इस बीच कोविड-19 के लिए पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के निदेशक ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमें इस सर्दी लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है। टीकाकरण एंटी-वायरल, दवा सहित परीक्षण के माध्यम से कि इस वायरस से लड़ा जा सकता है। हाल ही में जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस के दो वैरिएंट तेजी से फैल रहे हैं, लेकिन इन वैरिएंट से संक्रमित लोगों में अधिक वायरल लोड(वायरस की शरीर में संख्या) नहीं मिला है। रिसर्च में कहा गया है कि SARS-CoV-2 जो वायरस COVID-19 का कारण बनता है, उसका तेजी से फैलना एक चिंता का विषय बनता जा रहा है।
शोधकर्ताओं ने कोरोना वैरिएंट B.1.1.7 की जांच की, जो पहले यूके में पहचाना गया था। इसके साथ ही B.1.351, जो पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया था। यह मूल्यांकन करने के लिए कि क्या मरीजों में इन वैरिएंट की वजह से वायरल लोड बढ़ा और इसके साथ संक्रमण भी। इस रिसर्च में संपूर्ण-जीनोम अनुक्रमण का उपयोग करके वैरिएंट की पहचान की गई।
वायरल लोड को निर्धारित करने के लिए सभी नमूनों का अतिरिक्त परीक्षण किया गया। लक्षणों की शुरुआत के बाद के दिनों को देखकर जानकारी रोग के चरण से जुड़ी हुई थी, जिसने समूहों के बीच वायरल शेडिंग की तुलना में स्पष्टता को जोड़ा। अध्ययन के प्रमुख ने कहा कि इन वैरिएंट के तेजी से फैलने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि, हमारे निष्कर्षों से पता चला है कि इन वैरिएंट से संक्रमित रोगियों में नियंत्रण समूह की तुलना में गंभीर संक्रमित होने की संभावना कम होती है। हालांकि वैरिएंट से संक्रमित लोगों को मृत्यु या गहन देखभाल में प्रवेश के लिए उच्च जोखिम नहीं था, लेकिन उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक थी।