. नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर प्रसव पूर्व निशुल्क जांच कराएं
. पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को दिया जाता है मातृ वंदना योजना का लाभ
गाजियाबाद। कोविड-19 के चलते स्वास्थ्य विभाग के नियमित कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए शासन के निर्देश पर कोविड-19 का प्रभाव कम होने के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल के साथ इन सभी कार्यक्रमों को शुरू किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने बताया नौ जून को जनपद के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही जिला महिला चिकित्सालय में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाएगा। इस दिन गर्भवती अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर निशुल्क प्रसव पूर्व जांच करा सकती हैं। पीएमएसएमए के मौके पर ही पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पंजीकृत भी किया जाता है। उन्होंने बताया हाई रिस्क प्रेगनेंसी के बारे में पहले से पता लगाने के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी हैं। शासन से मिली गाइडलाइन के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में रहने वाली गर्भवतियों को पीएमएमएमए में नहीं बुलाया जाएगा। इसके अलावा कोविड-19 के मद्देनजर ग्रुप काउंसलिंग की भी मनाही है। प्रयास किया जाए कि द्वितीय और तृतीय तिमाही वाली गर्भवती पीएमएसएमए में अवश्य पहुंचें। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विश्राम सिंह ने बताया हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती की जांच निशुल्क की जाती हैं और पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को चिन्हित करके प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ दिया जाता है। उन्होंने बताया सबसे पहले गर्भवती को अपने खाने-पीने पर ध्यान देने की जरूरत है। खाने में हरी सब्जियांए दूधए फल और दाल जैसी चीजें शामिल करते हुए पोषक भोजन लें और स्वस्थ रहें।
कोविड-19 से ऐसे बचें
डा. विश्राम सिंह ने बताया कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए गर्भवती को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। बीमार लोगों से बिल्कुल भी न मिलें, भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं। जहां तक संभव हो ब्याह-शादी में भी जाने से बचें। व्यक्तिगत सफाई और खानपान का विशेष ध्यान रखें। चिकित्सक की राय से आयरनए कैल्शियम और फोलिक एसिड की गोलियां नियमित रूप से लें।
लगातार व्यायायाम करें
डा.विश्राम ने बताया कि गर्भवती खुद को स्वस्थ रखने के लिये दिन में कम से कम 30 मिनट योगा जरूर करें। इसके साथ वह चिकित्सक की राय से व्यायाम भी करें। रोजाना सात से आठ गिलास पानी जरूर पिएंए ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। अपने डेली रूटीन का खास ध्यान रखें। समय पर सोएं और समय पर उठें। कम से कम सात से आठ घंटे की नींद जरूर लें।
मानसिक रूप से मजबूत रहें
एसीएमओ ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत सारे मानसिक और भावनात्मक उतार.चढ़ाव से गुजरती हैं। लेकिन इस वक्त मानसिक रूप से बहुत अधिक मजबूत होने की जरूरत होती हैए क्योंकि एक मां की सेहत के साथ ही उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर उनके मनोभावों का बहुत अधिक असर होता है। परिवार के सदस्य गर्भवती को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करने में मदद करें।