गाजियाबाद। प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग को ज्ञापन सौंपा है। छह सूत्रीय ज्ञापन में एसोसिएशन के अध्यक्ष बीके शर्मा हनुमान ने कहा है कि ग्रामीणांचल क्षेत्रों में ग्रामीण चिकित्सक ही मरीज को प्राथमिक उपचार की सुविधा दे सकते हैं। पंजीकृत चिकित्सक से अनुभव व डिप्लोमा प्राप्त चिकित्सकों को प्राथमिक उपचार करने का अधिकार प्रदान किया जाए। नर्सिंग, पैरा मेडिकल डिप्लोमा धारकों विशेष ग्रामीण चिकित्सकों के लिए भर्ती निकाली जाए। अनुभवशील ग्रामीण चिकित्सकों को जिला चिकित्सालय, सीएचसी पर 6-12 माह की ट्रेनिंग दिलाने के बाद प्राथमिक उपचार करने का अधिकार दिया जाए। जन जागरूकता कार्यक्रमों में ग्रामीण चिकित्सकों को भी प्राथमिकता दी जाए। डिप्लोमा धारक चिकित्सकों को सम्मान दिलाने के लिए उन्हें ग्रामीण चिकित्सक शब्द के प्रयोग का अधिकार मिले। प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के सभी स्वयंसेवक जो अपनी जान की परवाह न करते हुए इस मुश्किल घड़ी में गांव देहात और शहरों में लोगों को कोविड-19 महामारी बीमारी में प्राथमिक उपचार दे रहे हैं, जनता की सेवा में डटे हुए हैं, अगर पूरे भारतवर्ष में गांव, मलिन बस्तियों में स्वयंसेवक प्राइवेट चिकित्सक न हों तो इसमें कोई शक नहीं है कि आज देश की स्थिति और भी भयानक हो सकती थी। ऐसे में इन सबका हौसला वाकई काबिले तारीफ है। झोलाछाप जैसे शब्द प्रयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाए। ज्ञापन देने वालों में एके जैन, डॉ. डीपी नागर, डॉ. देवाशीष ओझा, डॉक्टर संजय कुशवाहा, डॉक्टर मिलन मंडल आदि मौजूद रहे।