नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के नए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान आंदोलनरत हैं। किसानों के आंदोलन को आज छह माह पूरे हो गए। किसानों ने छह माह तक सरकार द्वारा कोई सुनवाई न करने के विरोध में काला दिवस मनाने का ऐलान किया था। उसी घोषणा के तहत गाजीपुर, चिल्ला व टीकारी बार्डर पर जमा किसान केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। काले झंडों के साथ किसान नारेबाजी कर रहे हैं। आंदोलनरत किसानों ने पीएम मोदी का पुतला फूंका और कहा कि यह सरकार किसानों को खत्म करना चाहती है। भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान आंदोलन की मुख्यधारा में हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया। कोरोना के इस दौर में भी किसानों के उत्साह में कोई कमी नहीं है। किसानों के आंदोलन को बसपा ने जहां पहली बार समर्थन दिया है वहीं रालोद, कांग्रेस, सपा व राजद पहले से ही साथ है। देशव्शपारी इस आंदोलन में किसानों ने अपने गांवों में भी घरों पर काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है। पंजाब में कांग्रेस नेता एवं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू भी अपने आवास पर काला झंडा लगाकर किसानों को अपना समर्थन दे चुके हैं। उधर, किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस बल को तैनात किया गया था।