
नई दिल्ली। जातिगत जनगणना को लेकर विपक्षी दलों द्वारा बनाए गए मुद्दे को लेकर मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में जातिगत जनगणना को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार ने ऐलान किया है कि इसे मूल जनगणना के साथ ही समाहित किया जाएगा।
दरअसल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई। इस दौरान मेघालय से असम के लिए नए कॉरिडोर को मंजूरी दी गई। 166 किमी. के इस हाइवे के लिए 22 हजार करोड़ से ज्यादा के बजट को मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने गन्ना किसानों को भी बड़ी सौगात दी। सरकार ने गन्ने का एफआरपी बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार ने गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर भी बड़ा फैसला किया। सरकार ने इसे मूल जनगणना के साथ ही समाहित करने का फैसला किया है। पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल की कोई बैठक नहीं हुई थी और केवल सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की 23 अप्रैल को बैठक हुई थी और उसने आतंकी हमले की निंदा की थी।