विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में भगवान परशुराम के प्रकटोत्सव पर किया विशाल यज्ञ का आयोजन

गाजियाबाद। श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर में विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में भगवान परशुराम प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विशाल यज्ञ का आयोजन किया गया। संस्था के पीठाधीश्वर ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया, (वैशाख शुक्ल तृतीया) को हुआ था। अत: इस दिन व्रत रखने और उत्सव मनाने की प्रथा परशुराम सबसे विरले हैं। वे ब्राह्मण हैं, ऋषि हैं, तपस्वी हैं किंतु उनके कर्म योद्धाओं जैसे हैं। उनका जन्म श्रीराम से पहले हुआ लेकिन वे राम के समय अर्थात त्रेतायुग से लेकर बलराम के समय अर्थात द्वापर तक पूरी प्रभा व प्रभाव के साथ उपस्थित हैं। उनके तप, तेज और तेवर का प्रभामंडल इतना प्रशस्त है कि दशावतार की गणना में उन्हें साक्षात विष्णु का आवेशावतार मानकर भगवान परशुराम कहते हुए वंदना की गई है। ऋषि परम्परा में न कोई उनके समकक्ष है न उनके समतुल्य। परशुराम केवल एक ही हैं। इस अवसर पर विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महेश कुमार शर्मा, रविंद्र कुमार शर्मा, महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा भार्गव, राष्ट्रीय महासचिव मधु शर्मा, उपाध्यक्ष बृजपाल शर्मा, आरसी शर्मा, महासचिव रघुनंदन भारद्वाज, सुभाष शर्मा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजपाल शर्मा आदि मौजूद रहे।