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कोविड रोधी टीका लगवाने में महिलाओं से आगे हैं पुरुष

  • 98 हजार 523 डोज कोविशील्ड और 13 हजार 606 डोज कोवैक्सीन की इस्तेमाल हुईं
  • 88000 से अधिक पहली डोज और 24000 से अधिक ले चुके हैं दूसरी डोज
    हापुड़।
    जनपद में कोविड रोधी टीकाकरण के मामले में पुरुष महिलाओं के मुकाबले आगे चल रहे हैं। जी हां, स्वास्थ्य विभाग की अन्य योजनाओं में बेशक महिलाओं की अग्रणी भूमिका रहती हो लेकिन टीकाकरण के मामले में पुरुष आगे हैं। जनपद में अब तक करीब 1.12 लाख से अधिक टीके लगे हैं, इनमें 88 हजार 12 पहली डोज है और 24 हजार 167 दूसरी डोज। लाभार्थियों की बात करें तो इनमें 49 हजार 796 पुरुष हैं और 38,209 महिलाएं। इसके अलावा आयु वर्ग के हिसाब से बात करें तो कोविन- एप पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 60 वर्ष से अधिक वाले 31, 374 लाभार्थी टीका लगवा चुके हैं जबकि 45 से 60 वर्ष वाले आयु वर्ग में यह आंकड़ा डेढ़ गुने से अधिक हो गया है। इस आयु वर्ग के 46, 948 लाभार्थी कोविड रोधी टीका लगवा चुके हैं। जनपद में अब तक 98 हजार 523 डोज कोविशील्ड और कुल 13 हजार 606 डोज कोवैक्सीन की इस्तेमाल हुई है। जनपद में अभी 18 से 45 वर्ष वाले आयु वर्ग का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है। इस आयु वर्ग के 9000 से अधिक लाभार्थी हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर होने के नाते प्रतिरक्षित किए गए हैं। अब तक हुए टीकाकरण में 45 से 60 वर्ष के आयु वर्ग वालों में टीकाकरण के प्रति सबसे ज्यादा रुझान देखा गया है। टीकाकरण केंद्रों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा टीके पीपीसी हापुड़ में लगाए गए हैं। इस अकेले टीकाकरण केंद्र पर 14 हजार से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। दूसरे नंबर पर सीएससी हापुड़ में 7587, तीसरे नंबर पर एएनएमटीसी पिलखुवा में 7345 टीके लग चुके हैं। यह आंकड़े 19 मई, 2021 तक के हैं।

अपनी बारी आने पर टीकाकरण अवश्य कराएं : सीएमओ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) हापुड़ डा. रेखा शर्मा का कहना है कि सभी लाभार्थी अपनी बारी आने पर टीकाकरण अवश्य कराएं। टीकाकरण से आप खुद को और अपने परिवार को भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने खासतौर पर महिलाओं से अपील की है कि परिवार की सुरक्षा का जिम्मा उठाने के मामले में वह पीछे न रहें। टीकाकरण कोविड-19 से सुरक्षा कवच प्रदान करता है। देखने भी आया है कि टीकाकरण के बाद कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों में बीमारी की गंभीरता वैसी नहीं रही। उन्होंने कहा कोविशील्ड और कौवैक्सीन दोनों ही टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं।

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