- क्या गाजियाबाद में चल पाएगा पीडीए का फार्मूला
- क्या नाराज वैश्य मतदाताओं को मना पाएगी भाजपा
- बदलते समीकरणों ने बढ़ाई भाजपा की चिंता
कमल सेखरी
गाजियाबाद जो अभी तक भाजपा का किला माना जाता था इस बार के विधानसभा उपचुनाव में हम भाजपा का यह किला ढाह देंगे। ये हुंकार बीते दिन गाजियाबाद में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी पुरजोरता से भरी। श्री यादव गाजियाबाद अपनी पार्टी के प्रत्याशी सिंहराज जाटव के समर्थन में कार्यकर्ताओं की संयुक्त सभा को संबोधित करने आए थे। आपको मालूम ही होगा कि गाजियाबाद जिला पिछले कई चुनावों से लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को ही जिताता आ रहा है। गाजियाबाद जिले के इस रवैये से लोग इस पूरे क्षेत्र को भाजपा का ऐसा किला मानने लगे जिसे भेदना कठिन ही नहीं नामुमकिन ही है। हालांकि गाजियाबाद शहर विधानसभा की सीट जहां पर सांसद अतुल गर्ग के इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव हो रहे हैं वो सीट पिछले तीन चुनावों से भले ही भाजपा के पास ही रह रही हो लेकिन जीत का अंतर धीरे-धीरे कम होता गया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद विधानसभा सीट ने भाजपा को मात्र 65 हजार की बढ़त से ही जिताया है जबकि यह क्षेत्र दो चुनाव पूर्व भाजपा को दो लाख से अधिक की बढ़त दे चुका था। इन परिस्थितियों में भी आंका यही जा रहा है कि गाजियाबाद विधानसभा सीट इस बार के उपचुनाव में भी भाजपा के पास ही रहने जा रही है भले ही जीत का अंतर घटकर और कम हो जाए। सपा के मुखिया अखिलेश यादव को अपने पीडीए के नए फार्मूले पर काफी विश्वास है और उन्होंने उसी के चलते गाजियाबाद विधानसभा सीट से जाटव प्रत्याशी को खड़ा किया है।
सपा प्रत्याशी सिंहराज जाटव एक लंबे समय से लाइनपार क्षेत्र में केबल टीवी नेटवर्क का कारोबार करते आ रहे हैं। इस कारोबार के चलते उनका जनसंपर्क कई हजार परिवारों से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा है जो उनके केबल नेटवर्क से जुड़े हैं। सिंहराज जाटव व्यक्तिगत तौर पर भी काफी मिलनसार और रसूख वाले व्यक्ति माने जाते हैं। नए समीकरणों के चलते अगर सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी सिंहराज जाटव अपनी निजी रसूखों से अलग हटकर दलित, पिछड़े, मुस्लिम और कांग्रेस की परंपरागत वोट बैंक को ले पाने में कामयाब हो जाते हैं तो उनकी स्थिति वैसी बन सकती है जैसी सपा प्रमुख अखिलेश यादव गाजियाबाद के लिए आंक रहे हैं।
भाजपा ने अपने महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को मैदान में उतारा है। संजीव शर्मा गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र के निवासी नहीं है बल्कि उनका निवास साहिबाबाद हिंडनपार क्षेत्र में है। इस बार बसपा ने वैश्य वर्ग से अपना प्रत्याशी परमानंद गर्ग को उतारा है। परमानंद गर्ग गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र के पुराने वैश्य परिवारों से जुड़े हैं और उनके दो सौ से अधिक अपने संबंधियों के परिवार भी हैं। अब से पूर्व के चुनावों में भाजपा के विरुद्ध लड़ते हुए कांग्रेस प्रत्याशी स्वर्गीय सुरेन्द्र प्रकाश गोयल और बसपा प्रत्याशी स्वर्गीय सुरेश बंसल ने बड़ी संख्या में वैश्य बिरादरी के वोट लेकर भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाया है, इसी तरह अगर इस बार बसपा प्रत्याशी परमानंद गर्ग वैश्य बिरादरी के वोट अधिक संख्या में ले गए तो उसका एक बड़ा नुकसान भी भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा को झेलना पड़ेगा। कुल मिलाकर गाजियाबाद विधानसभा सीट पर होने जा रहा यह उपचुनाव इन तीनों प्रत्याशियों के बीच एक कड़ा मुकाबला होगा और परिणाम किसी करवट भी बैठ सकते हैं। भाजपा का किला अगर इस बार ढह भी जाये तो भी अधिक अचंभा नहीं होगा। अभी तक तो भाजपा अपने किले को बचाती हुई नजर आ रही है। कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद आ रहे हैं और वो यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे जिससे लगता है कि भाजपा की स्थिति कुछ और मजबूत हो सकती है।