- गुलशन’, ‘गौहर,’ यात्री व ‘उर्वी’ के गजल, दोहा, गीत व किस्से की पुस्तकों का होगा लोकार्पण
गाजियाबाद। बारादरी (काव्य-कुटुंब) के वार्षिकोत्सव में संस्था के अध्यक्ष गोविंद गुलशन, संस्थापिका डॉ. माला कपूर ‘गौहर, समन्वयक आलोक यात्री एवं संरक्षिका उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ की गीत, गजल व किस्से की विभिन्न पुस्तकों का लोकार्पण किया जाएगा। संस्थापिका डॉ. ‘गौहर’ के अनुसार इस अवसर पर अदब की गंगा-जमुनी परंपरा निभाते हुए भव्य कवि सम्मेलन व मुशायरे का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर के नामचीन कवि और शायर भाग ले रहे हैं।
सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल नेहरू नगर शाखा में आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ. ‘गौहर’ ने बताया कि संस्था की स्थापना फरवरी 2020 में की गई थी। उन्होंने कहा कि देश भर में ख्याति अर्जित कर रही ‘बारादरी’ की स्थापना की कहानी भी दिलचस्प है। उन्होंने बताया कि छह कवियों और छह श्रोताओं यानी बारह लोगों की उपस्थिति में हुई उस नशिस्त का नामकरण ही बारादरी हो गया। संस्था के अध्यक्ष गोविंद गुलशन ने बताया कि देश भर में ‘बारादरी’ की पहचान आज काव्य कुटुम्ब के रूप में हो रही है। उन्होंने कहा कि देश भर में यह इकलौती ऐसी संस्था है जहां मंच की अलग से कोई परंपरा नहीं है। उन्होंने बताया कि कवि नगर स्थित ट्रीनिटी बेंक्वेट्स में आयोजित वार्षिकोत्सव में उनके गजल संग्रह ‘फूल शबनम के’, डॉ. माला कपूर ‘गौहर’ के कविता संग्रह ‘माला के मोती’, गजल संग्रह ‘एहसास के जुगनू’ और ‘ तसव्वुर से आगे’, आलोक यात्री के किस्सा संग्रह ‘हुआ यूं के…’ और उर्वशी अग्रवाल के दोहा संग्रह ‘यादों की कंदील’ और ‘हंसुली चांद की’ व कविता संग्रह ‘अंतर्मन की पाती : सुनो ना…’ का विमोचन किया जाएगा। संरक्षिका उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ ने जानकारी दी कि पुस्तकों पर वक्तव्य डॉ. हरियश राय, अतुल सिन्हा, मंसूर उस्मानी, शकील जमाली व संध्या यादव द्वारा दिया जाए।
डॉ. ‘गौहर’ने बताया कि भव्य कवि सम्मेलन व मुशायरे की अध्यक्षता प्रो. शहपर रसूल और संचालन प्रो. रहमान मुसव्विर करेंगे।? जिसमें मंसूर उस्मानी, विज्ञान व्रत, डॉ. शबाना नजीर, शकील जमाली, पवन कुमार, शाहिद अंजुम, अलीना इतरत, संध्या यादव व पंकज शर्मा अपना कलाम पेश करेंगे। इस अवसर पर आलोक यात्री एवं वागीश शर्मा उपस्थित थे।