- राज्यकर्मचारियों ने कहा-अधिकारियों से भी मांगा जाये संपत्ति का ब्यौरा
- उपचुनाव के चलते उ.प्र. सरकार ने लिया यू-टर्न
विशेष संवाददाता
लखनऊ। संपत्ति का ब्यौरा ना देने पर 2.41 लाख राज्यकर्मचारियों के रोके गए वेतन के आदेश को उत्तर प्रदेश सरकार ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। वे राज्यकर्मचारी जिन्हें संपत्ति का ब्यौरा ना देने की वजह से पिछले माह का वेतन नहीं मिला था अब उन्हें रुका हुआ वेतन जल्द ही मिल जाएगा। हम आपको बता दें कि इस संबंध में हमने एक विस्तृत खबर इसी कॉलम के तहत कल प्रसारित की थी और कल रात ही उत्तर प्रदेश सरकार ने यह फैसला ले लिया। हमने अपनी खबर में यह भी उnेख किया था कि राज्यकर्मचारियों का वेतन अगर संपत्ति का ब्यौरा ना देने पर रोका जा रहा है तो प्रदेश सरकार के सभी अधिकारियों से भी संपत्ति का ब्यौरा मांगा जाना चाहिए और ऐसा ना करने पर उनके भी वेतन रोके जाने चाहिए। हमने यह बात भी कही कि इसी तरह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से भी उनकी संपत्ति का ब्यौरा मांगा जाना चाहिए और ब्यौरा ना देने पर उनके वेतन रोकने के साथ-साथ उन्हें अगला चुनाव लड़ने पर रोक लगा देनी चाहिए। राज्यकर्मचारी इन मुद्दों पर अड़ भी सकते हैं कि उनकी तरह अधिकारियों से भी संपत्ति का ब्यौरा मांगा जाए और ना देने पर उनके वेतन भी रोके जाएं। बताया जाता है कि आने वाले विधानसभा उपचुनाव के कारण ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में यू-टर्न लिया है।