लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत साढ़े नौ वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास तथा गरीब कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का अभियान चल रहा है। इसके लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए। आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2027 तक भारत को दुनिया की तीन सर्वोच्च अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने का लक्ष्य रखा है। इस कार्य में उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री यहां इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन-2023 में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। सम्मेलन का विषय ट्रांसफॉर्मिंग एमएसएमई टूवर्ड्स इंडस्ट्री 4.0 एंड 48 है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 2 उद्यमियों को लाइफ टाइम अचीवमेन्ट अवॉर्ड प्रदान किया। उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री के विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की आधारशिला आत्मनिर्भर भारत है और आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी ताकत एमएसएमई है। इसके लिए राज्य सरकार प्रदेश की परम्परागत पहचान को एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी) के रूप में प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। यह योजना एमएसएमई क्षेत्र के प्रोत्साहन की ही योजना है। आज ओडीओपी योजना देश व दुनिया की अभिनव योजना बनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया विश्वास से भारत की ओर देख रही है और भारत में उत्तर प्रदेश की ओर देख रही है। यह समय हम सभी का है। आज का समय स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का है। बाजार में बने रहने तथा प्रतिस्पर्धा में टिकने के लिए अपने उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा। हमारे उत्पादों में लोगों का विश्वास होना चाहिए। हम बाजार की मांग के अनुरूप अपने उत्पाद बनाएं। इसके साथ ही, उत्पादों की अच्छी पैकेजिंग भी होनी चाहिए, जिससे लोग उससे प्रभावित हों। प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के सहयोग से डिजाइनिंग तथा पैकेजिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया है। प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र में नया करने के प्रयास हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश मित्र पोर्टल, निवेश सारथी पोर्टल तथा आॅनलाइन इंसेंटिव प्लेटफॉर्म प्रदेश में उद्यमियों के लिए निवेश की सम्भावनाओं को बढ़ाते हैं। यह उद्यमियों को शासन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं के सरलीकरण के भी कार्यक्रम हैं। उत्तर प्रदेश का निवेश मित्र पोर्टल देश का सबसे बड़ा आॅनलाइन प्लेटफॉर्म है। इसके माध्यम से 400 से अधिक क्लीयरेंस एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एमओयू की पूरी कार्यवाही के लिए निवेश सारथी पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है। निवेशक द्वारा निवेश करने के बाद प्रदेश शासन की ओर से मिलने वाले इंसेटिव के लिए भी आॅनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है। विगत साढ़े छह वर्षों में प्रदेश सरकार के स्तर पर रिफॉर्म, परफॉर्म के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर, बेहतर कानून व्यवस्था, ईज आॅफ डूईंग बिजनेस, उद्यमियों के लिए लैंडबैंक बनाने तथा अन्य सुविधाओं के लिए कार्य किए गए हैं। इसी का परिणाम है कि फरवरी, 2023 में आयोजित उ.प्र. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के क्रम में अब तक 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सितम्बर, 2023 में ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन किया गया था। इसमें 70 हजार बायर्स आए थे और 4 लाख लोग इसमें भागीदार बने थे। सभी ने उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल को देखा था। सितम्बर, 2024 में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो के लिए सभी उद्यमी अभी से तैयारी करें। लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज तथा बुन्देलखण्ड सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रकार के ट्रेड शो आयोजित किए जाएंगे, जिससे लोगों को आगे बढ़ने का अवसर मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा जिस स्वरूप में आज हैं, उसे विकसित होने में 46 वर्ष लगे। अब हमारी सरकार वहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण करा रही है। अगले वर्ष फरवरी माह तक इसके पहले रन-वे को प्रारम्भ करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि वर्तमान में प्रदेश सरकार बुन्देलखंड क्षेत्र के झांसी में 38 हजार एकड़ भूमि में औद्योगिक केन्द्र के निर्माण कार्य को आगे बढ़ा रही है। यहां पहले चरण में ही फोरलेन कनेक्टिविटी के साथ ही एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। इस क्षेत्र में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर स्थापित हो रहा है। भारत डॉयनमिक्स ने अपना निवेश प्रारम्भ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी भी सेक्टर में निवेश की सम्भावनाएं हैं। प्रदेश सरकार उद्यमियों की समस्या के समाधान के लिए तत्पर है। औद्योगिक संगठन भी सरकार के साथ मिलकर प्रदेश की इकोनॉमी को गति प्रदान करने में अपना योगदान दें। यदि औद्योगिक संस्थान स्थानीय स्तर पर इंस्टीट्यूशंस को अपने साथ जोड़ लें, तो उन्हें सस्ता मैनपावर उपलब्ध हो जाएगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके लिए प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना तथा मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना चल रही है। उद्योगों द्वारा इसके लिए दिए जाने वाले मानदेय में केन्द्र व राज्य सरकार भी सहयोग करेगी। एक वर्ष बाद उस युवा के पास कार्य करने का अनुभव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय क्रय की सभी योजनाओं में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि स्थानीय उद्यमों को प्रोत्साहित करें, लेकिन गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातावरण बनाने तथा एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा। इस अवसर पर इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज सिंघल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में अनेक सुधार हुए हैं। गवर्नेंस में डिजिटलाइजेशन के प्रयोग से प्रदेश में ईज आफ डूईंग बिजनेस बढ़ा है। उत्तर प्रदेश में उद्यमी निवेश करने को उत्सुक हैं। मुख्यमंत्री द्वारा उत्पादों की अच्छी पैकेजिंग तथा क्वालिटी का आह्वान एमएसएमई को नई प्रेरणा प्रदान करता है। इस अवसर पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारी तथा उद्यमी उपस्थित थे।