लखनऊ। ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की दौड़ में सदस्यों को अपनी ओर करने में लगे नेताओं के लिए बुरी खबर है। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जी जान से प्रदेश की योगी सरकार जुटी है। प्रदेश के पंचायत राज विभाग ने ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को फिलहाल टाल दिया है। अब एक माह बाद यानी 15 जून के बाद ही चुनाव कराने का कार्यक्रम तय हो सकेगा। पहले यह चुनाव बीस मई तक होना माना जा रहा था। इसी को लेकर बीडीसी सदस्यों व जिला पंचायत सदस्यों के मौल भाव किए जा रहे थे। लेकिन डेट बढ़ने के बाद अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख बनने की दौड़ में शामिल लोगों को एक माह का और इंतजार करना पड़ेगा। इस दौरान उन्हें अपने-अपने खेमे में सदस्यों को बांधे रखना भी मुश्किल होगा। इतना ही नहीं सदस्यों को लेकर मौल भाव भी बढ़ सकता है। सरकार ने 17 मई कोरोना कर्फ्यू लगा रखा है। इस बीच चुनाव कराना कठिन हो रहा था। 75 जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ 826 ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव होना है। नवनिर्वाचित 3050 सदस्य 75 जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव करेंगे। इनके साथ 75हजार 845 क्षेत्र पंचायत सदस्य 826 ब्लॉक प्रमुखों को चुनने के लिए मतदान करेंगे। जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए प्रमुख दलों ने समर्थित उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। जिला व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष पदों के चुनाव में प्रमुख दलों के निर्वाचित सदस्यों से अलावा निर्दलीयों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। प्रदेश में इस बार 3050 विजेता में निर्दलीयों की संख्या ही सर्वाधिक है। इसी कारण अब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इनकी भूमिका काफी अहम होगी। जोड़तोड़ वाले इस चुनाव में सत्ता का दखल व धनबल और बाहुबल भी अमह होता है।