गाजियाबाद। गत तीस जून को लोनी के व्यापारी चंचल अग्रवाल द्वारा सूदखोरों के आतंक से परेशान होकर की गई आत्महत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने व्यापारी चंचल अग्रवाल द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए दो लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। दोनों आरोपी डासना जेल में बंद हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों गैंगस्टर अभियुक्त जितेन्द्र उर्फ जीतू बंसल एवं इसके साथी विजय कुमार उर्फ डालू की लगभग छह करोड़ की अचल संपत्ति गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत कुर्की/जब्तीकरण की कार्यवाही की है। कमिश्नरेट पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से सूदखोरों में हड़कंप मचा हुआ है। इससे पूर्व भी कमिश्नरेट पुलिस द्वारा सात अलग-अलग मामलों में लगभग 183 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
बता दें कि लोनी के अंकुर विहार थाना क्षेत्र में रहने वाले व्यापारी चंचल अग्रवाल द्वारा तीस जून 2023 को आत्महत्या कर ली गई थी। पुलिस को मौके से सुसाइट नोट मिला था। सुसाइड नोट में जितेन्द्र उर्फ जीतू बंसल को दोषी ठहराया गया था। सुसाइड नोट में चंचल अग्रवाल द्वारा लिखा गया था कि उसने जितेन्द्र बंसल से 40 लाख रुपए बतौर उधार लिए थे जिसके एवज में वह दो करोड़ रुपए का भुगतान भी कर चुका है बावजूद अभियुक्त द्वारा उस पर एक करोड़ रुपए बकाया होने की बात कही जा रही है। इतना ही जितेन्द्र बंसल ने दबाव बनाकर उसका तीन मंजिला मकान भी औने-पौने दाम में अपने नाम लिखवा लिया था। लोनी पुलिस ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए हर पहलू से जांच की। जांच में सुसाइड नोट में लिखी बातें सत्य पाई गर्इं और जितेन्द्र बंसल व उसके विजय कुमार उर्फ डालू के खिलाफ लोनी बॉर्डर थाने में गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था जहां से पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया था। पुलिस के अनुसार दोनों अभियुक्त ब्याज पर पैंसा बांटने का कार्य करते थे जबकि वे दोनों अभियुक्त उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम के तहत ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं थे। इनके द्वारा आसपास के अनेक व्यक्तियों को इसी प्रकार ब्याज पर ऋण न चुका पाने के कारण अपनी संपत्ति अभियुक्तों के पक्ष में बेचने पर विवश होना पड़ा। दोनों अभियुक्तों के खिलाफ 11 अगस्त को गैंगस्टर के तहत लोनी बॉर्डर थाने में एक अलग से रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने आठ सितंबर को गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत कुल 11 चल एवं अचल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश पारित किए । नौ सितंबर को पुलिस के लावलश्कर ने पहुंचकर दोनों अभियुक्तों की लगभग छह करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया है।