लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी, वर्तमान में यह दर घटकर 3-4 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में रोजगार के अनेक अवसर सृजित हुए हैं और लोगों को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से नौकरियां मिल रही हैं। भर्ती प्रक्रिया में पूरी शुचिता और ईमानदारी के कारण कोई भी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय में लम्बित नहीं है। प्रदेश के इस परसेप्शन के कारण ही यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 36 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे प्रदेश में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। मुख्यमंत्री यहां विधान सभा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू हो चुकी है, इसमें सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न रोजगारपरक कार्यक्रम प्रारम्भ किए जा चुके हैं। प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा में भी सामान्य पाठ्यक्रम जारी रखते हुए पैरामेडिकल, ड्रोन तकनीकी, डाटा एनालिसिस, 3डी प्रिंटिंग तथा अन्य रोजगार पाठ्यक्रम जोड़े जाएंगे। राज्य के युवाओं को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए 02 करोड़ युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में पूरी ईमानदारी के साथ बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा व
संस्कृत विद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक लाया गया है। विधेयक पर सभी सदस्यों को चर्चा करने और अपनी बात रखने का अवसर प्राप्त होगा। जो भी अमूल्य सुझाव आएंगे सरकार उसका स्वागत करेगी। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का कोई भी मामला न्यायालय में लंबित नहीं है। प्रदेश में विगत 05 वर्षों में 01 लाख 64 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है। पूर्व में यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षा 2 से 3 महीने तक चलती थी, इस बार मात्र 15 दिनों में परीक्षा सम्पन्न हुई और 14 दिनों के अंदर परीक्षा परिणाम घोषित हुए हैं। यह प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में हुए सुधारों का परिणाम है।