- जिले में 6.64 लाख से अधिक बच्चे और किशोर खाएंगे पेट से कीड़े निकालने वाली दवा
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस ( 10 अगस्त पर विशेष)
- -गोली खाने से वंचित बच्चों को 17 अगस्त को मॉपअप राउंड में किया जाएगा कवर
हापुड़। राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस (नेशनल डीवार्मिंग डे- एनडीडी) का आयोजन 10 अगस्त को होगा। इस मौके पर पेट के कीड़ों (कृमि) से स्वास्थ्य पर प्रभाव और संक्रमित होने पर आने वाले लक्षणों व बचाव की जानकारी देने के साथ ही एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है। यह गोली खाने से पेट में मौजूद कृमि मल के साथ निकल जाते हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने दी। उन्होंने बताया कि एनडीडी पर जिले में एक से 19 वर्ष तक के 6.64 लाख बच्चों और किशोरों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। किसी कारणवश 10 अगस्त को दवा खाने से छूटे बच्चों को मॉपअप राउंड के दौरान 17 अगस्त को कवर किया जाएगा। सीएमओ डा. त्यागी ने कहा कि यदि आपका बच्चा कमजोर हो रहा है, अक्सर थकान की शिकायत करता है और पढ़ने में उसका मन नहीं लग रहा है तो उसके पेट में कीड़े हो सकते हैं। दरअसल पेट के कीड़े बच्चों को दिया गया पोषण चट कर जाते हैं और बच्चा कमजोर होने लगता है। ज्यादा दिनों तक लापरवाही होने पर वह गंभीर रूप से कुपोषण और एनीमिया का शिकार हो सकता है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और भविष्य के लिए हर छह माह पर पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलानी जरूरी है। इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2015 से वर्ष में दो बार (फरवरी और अगस्त में) एनडीडी का आयोजन करता है। सीएमओ ने बताया कि 10 अगस्त को एनडीडी के मौके पर जिले के कुल 1323 स्कूलों और सभी 887 आंगनबाड़ी केंद्रों पर एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग और आईसीडीएस (समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार योजना ) के साथ समन्वय स्थापित कर लिया गया है। एक दिन पहले ही सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोलियां पहुंच जाएंगी। गोली कैसे खानी है, इस संबंध में शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण किया गया है।
सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि एल्बेंडाजोल की गोली बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित और कारगर है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को भोजन कराने के बाद ही गोली खिलाने के लिए लेकर जाएं, साथ ही स्कूलों को भी इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी गई है। बेहतर हो कि स्कूलों में लंच ब्रेक के बाद ही गोली खिलाई जाए। एक से दो वर्ष के बच्चों को गोली पीसकर देनी है।
कृमि संक्रमण के लक्षण:
पेट में दर्द
दस्त, मितली या उल्टी आना।
कमजोरी और थकान महसूस होना।
बिना कारण वजन कम होना।
भूख अधिक या न लगना।
मुंह से बदबू आना।
कृमि संक्रमण से बचाव :
स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें।
खुले में शौच न जाएं।
खाने से पूर्व और शौच के बाद हाथ अच्छे से धोएं।
चप्पल – जूते पहनकर ही घर से बाहर निकलें।
फल और सब्जियां अच्छी तरह से धोकर इस्तेमाल करें।
ठीक से पका हुआ भोजन ही करें।