गाजियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) के तहत चयनित अलाभित समूह / दुर्बल वर्ग के बच्चों को दाखिले से वंचित करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुँचकर बीएसए के लखनऊ में होने के कारण वित्त अधिकारी मनप्रीत कौर को ज्ञापन सौंपा। साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से फोन पर वार्ता की गई और सभी बच्चों के दाखिले सुनिश्चित कराने के लिये कहा गया। बीएसए ने कहा कि वो तीन बाद लखनऊ से आकर सभी चयनित बच्चों के दाखिले सुनिश्चित कराएंगे। इसके बाद जीपीए के साथ सभी अभिभावक जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां मौजूद अधिकारी को सारे प्रकरण से अवगत कराया। उन्हें भी ज्ञापन की एक कापी दी। जीपीए ने 7 दिन के अंदर बच्चों के दाखिले नहीं होने पर धरने की चेतावनी दी। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह और उपाध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि 5 जुलाई 2023 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ द्वारा जिले के बीएसए को शत प्रतिशत आरटीई के दाखिले सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे, उसके बाद भी अभी तक पेटेंट्स अपने बच्चों के दाखिलों के लिए स्कूल और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। शासन के पत्र की समय सीमा बीत जाने के बाद भी दाखिला नहीं लेने वाले स्कूलों पर बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाई नहीं की गई। जीपीए के आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव एवं नवीन राठौर ने बताया कि आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों को परेशान करने और दाखिला नही देने के लिए स्कूलों द्वारा पेरेंट्स के घर स्टाफ भेजकर वेरीफिकेशन कराया जा रहा है , अनावश्यक कागजात मांग कर परेशान किया जा रहा है और कुछ स्कूल तो ऐसे हैं कि जिन्होंने साफ बोल दिया कि बीएसए कार्यालय से उनके पास आरटीई के चयनित बच्चों की कोई सूची ही नहीं आई है तो कुछ स्कूलों का कहना है कि हमारे यहां सीटें फुल हो गई हंै जबकि शिक्षा निदेशक (बेसिक ) द्वारा 3-01-2022 को सभी बीएसए को भेजे गये पत्र में साफ साफ निर्देश दिए गए हैं कि उपरोक्त बिंदुओं के तहत पेरेंट्स को परेशान करना आरटीई अधिनियम 2009 का उल्लंघन है। पत्र में यह भी कहा गया है आरटीई के दाखिलों को लेकर शासन/विभाग के आदेशों को उल्लंघन करने पर स्कूलों की मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाई सुनिश्चित की जा सकती है लेकिन अक्सर अधिकारियों द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि उनके पास स्कूलों पर कार्यवाई को कोई अधिकार नहीं है जिसकी शासन के इस पत्र ने पोल खोल दी है। पिछले वर्ष भी लगभग 1800 बच्चे दाखिलों से वंचित रह गये थे और इस बार भी यह संख्या बड़ी है जो आरटीई अधिनियम गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करता है, उस अधिनियम की निजी स्कूलों द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन आज तक शासन अथवा शिक्षाधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाई नहीं की गई जो दिखाता है कि निजी स्कूल संचालकों की विभाग और शासन में कितनी मजबूत पकड़ है लेकिन गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन हिम्मत हारने वाले नहीं हैं। जब तक आरटीई के प्रत्येक बच्चे का दाखिला सुनिश्चित नहीं हो जाता है। इस मौके पर धर्मेंद्र यादव,पवन शर्मा, जसवीर रावत, नरेश कुमार, नवीन राठौर, चंद्र प्रकाश, मनमोहन सिंह, संजय मिश्रा, कौशलेंद्र सिंह, राजू सैफी, अश्वनी तोमर, प्रदीप कुमार, यश रावत, चंद्रपाल, अनिल कुमार सिंह, श्याम चौधरी, शायरा, नंदनी आदि उपस्थित रहे।