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सीएम योगी के आने से पहले जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी हाउस अरेस्ट

  • बोलीं सीमा त्यागी, क्या शिक्षा का मुद्दा उठाना आतंकवाद की श्रेणी में आता है
  • उठाया सवाल, क्या शिक्षा के मुद्दे से भयभीत हंै मुख्यमंत्री
    गाजियाबाद। सीएम योगी शुक्रवार को कविनगर रामलीला मैदान में निकाय चुनाव को लेकर जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं लेकिन इससे पूर्व ही गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। सीमा त्यागी काफी समय से अभिभावकों की मांगों को लेकर आंदोलन चला रही हैं। सुबह 5 बजे भारी पुलिस बल ने उनके पी ब्लॉक सेक्टर 23 संजय नगर स्थित घर पहुँचकर हाउस अरेस्ट कर लिया। मुख्यमंत्री का निकाय चुनाव में खड़े प्रत्याक्षियों को वोट की अपील करने को लेकर गाजियाबाद का दौरा है। प्रदेश सरकार और प्रशासन के इस कदम को सीमा त्यागी द्वारा लोकतंत्र की हत्या बताया गया है। जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि जब भी मुख्यमंत्री का आगमन गाजियाबाद की धरती पर होता है तभी मेरे को जिले का पुलिस प्रशासन हाउस अरेस्ट कर लेता है जिससे प्रतीत होता है कि या तो मुख्यमंत्री शिक्षा के मुद्दे से भयभीत हैं या फिर यहां का प्रशासन और पार्टी के बड़े राजनैतिक नेता अभिभावकों की पीड़ा मुख्यमंत्री तक पहुंचना ही नहीं देना चाहते हैं। उन्हें हाउस अरेस्ट कर प्रशासन ने यह साबित कर दिया है कि प्रशासन जनता का सेवक नहीं बल्कि इन नेताओं की कठपुतली बना हुआ है और आम आदमी अगर अपने अधिकार की आवाज उठता है तो उसे नजरबंद कर दिया जाता है। वे मीडिया के माध्य्म से मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हैं कि क्या प्रदेश के सरकारी स्कूलों को ठीक करने की मांग करना गलत है? क्या प्रदेश के निजी स्कूलों की बेहताशा फीस वृद्धि पर रोक लगाने की मांग करना गलत है ? क्या आरटीई के अंर्तगत चयनित बच्चों को उनका शिक्षा का अधिकार दिलाने की मांग गलत है? क्या प्रदेश के प्रत्येक जिले में सैनिक स्कूल खोलने की मांग करना गलत है? क्या प्रदेश के निजी स्कूलों में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम की मांग करना गलत है? क्या प्रदेश के सांसदों और विधायकों को सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए 5 -5 सरकारी स्कूलों को गोद देने की मांग गलत है। क्या ये सभी मुद्दे उठाना आतंकवाद और देशद्रोही की श्रेणी में आता है जो हर बार मुझे हाउस अरेस्ट कर मानसिक प्रताड़ित किया जाता है। पुलिस-प्रशासन कहता कि हमें ऊपर से आदेश है लेकिन उनके पास सवाल का जवाब नहीं होता और कहते हंै कि मुख्यमंत्री के जाने से पहले हम तुम्हे जाने नहीं देंगे। जो आप सभी के लिए सवाल छोड़ता है कि क्या यही देश का लोकतंत्र है?

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