नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन स्थित ‘ अमृत उद्यान’ का गत बुधवार को नजारा अलग ही था जब करीब 13 हजार दिव्यांगजनों ने इस अद्भभुत परिसर का अवलोकन कर इतिहास रचा। अमृत उद्यान का अवलोकन करने आये दिव्यांगजनों में राजधानी के विभिन्न विशेष स्कूलों के बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी शामिल थें। इन बच्चों में कड़कड़डूमा स्थित प्रमिलाबाई चौहान मूक बधिर विद्यालय से 50 छात्र-छात्राओं का एक दल उपप्रधानाचार्य माधुरी मिश्रा और अन्य अध्यापिकाओं की अगुवाई में अमृत उद्यान का भ्रमण करने गया। बच्चों में उद्यान की छटा का जमकर आनंद लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपने बीच पाकर बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था।
दिव्यांगजनों के लिये अमृत उद्यान के विशेष भ्रमण का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने किया था । पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान (पीडीयूएनआईपीपीडी) को इस आयोजन की नोडल एजेंसी की जिम्मेदारी दी गई थी। इस आयोजन को सफल बनाने में विभिन्न दिव्यांगजन संस्थान, स्कूलों, गैर सरकारी संगठनों, दिल्ली समाज कल्याण विभाग,शिक्षा विभाग और दिल्ली नगर निगम का विशेष योगदान रहा। प्रमिलाबाई स्कूल की उपप्रधानाचार्य ने इस आयोजन पर खुशी जताते हुए और इसे सरकार का बहुत ही सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित किये जाने की जरुरत है जिससे कि इस वर्ग के बच्चों को शैक्षणिक स्तर पर अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने में मदद मिल सके।
मुगल गार्डन का नाम इसी वर्ष बदलकर ‘अमृत उद्यान’ किया गया है। आम जनता के लिये यह 31 जनवरी को खोला गया था। मंगलवार 28 मार्च को यह विशेषतौर पर किसानों के लिये खुला जबकि 30 मार्च को यह रक्षा,अद्धसैनिक और पुलिस बलों के लिये खुलेगा। अंतिम दिन स्वयं सेवा समूह और आदिवासी महिलाओं के लिये खुलेगा।