गाजियाबाद। 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस है, इस दिन जिला क्षय विभाग द्वारा वृहद स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम किए जाएंगे। इन्दिरापुरम स्थित सीआईएसफ में जागरुकता रैली निकाली जाएगी तो आईएमए भवन में गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। क्षय रोग व उसके निवारण तथा क्षय रोग दिवस को लेकर एमएमजी स्थित क्षय रोग विभाग में प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित की गई। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. डीएम सक्सेना ने बताया कि टीबी दुनिया के प्रत्येक हिस्से में मौजूद है। हालांकि वर्ष 2014 में टीबी के मामलों की सबसे अधिक संख्या दक्षिणपूर्व एशिया और अफ्रीका में थी। इस रोग का सबसे अधिक बोझ झेलने वाले छह देशों में भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, चीन, नाइजीरिया व दक्षिण अफ्रीका थे। उन्होंने बताया कि टीबी भारत में सबसे बड़ा संक्रामक रोग है। वर्ष 2019 में देश में लगभग 24 लाख टीबी के मामले मिले थे। इनमें से लगभग 66 हजार मरीज एमडीआर टीबी के हैं। टीबी के 24 लाख मामलों में से लगभग बीस प्रतिशत यानी 4.9 लााख मामले अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। 4.9 लाख मामलों में से 3.3 लाख मामलों की सूचना सरकारी चिकित्सालयों तथा 1.6 लाख मामलों की सूचना प्राइवेट सेक्टर स्वास्थ्य प्रदाताओं द्वारा दर्ज कराई गई थी। इंडिया टीबी 2019 के अनुसार उत्तर प्रदेश में टीबी रोगियों की वार्षिक अधिसूचना दर 213 प्रति लाख है। उन्होंने बताया कि सक्रिय क्षय रोग संक्रमण के लक्षणों में कई हफ्तों तक चलने वाली खांसी, बलगम या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना, बुखार व सीने में दर्द होता है। कुछ लोग क्षय रोग के जीवाणु से संक्रमित हो सकते हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है। इसे सुप्त क्षय रोग कहते हैं। सुप्त क्षय रोग के कारण सक्रिय रोग हो सकता है। सुप्त क्षय रोग वाले कुछ लोग हो सकता है कि कभी बीमार न हों।
गाजियाबाद में हैं 16 टीबी यूनिट्स
जिला क्षय रोग अधिकारी डाक्टर डीएम सक्सेना ने बताया कि जनपद में वर्तमान में 16 टीबी यूनिट व 4 सीबीनॉट साइट यानी टीबी क्लीनिक, जिला संयुक्त अस्पताल संजयनगर, सीएचसी मुरादनगर, लोनी हैं। 11 ट्रू नॉट मशीनें अर्बन पीएचसी खोड़ा गांव, अर्बन पीएचसी साहिबाबाद गांव, हेल्थ पोस्ट विजयनगर, पीएचसी बम्हेटा, फरीदनगर, भोजपुर, पसौंडा, डासना, मोदीनगर, ईएसआई चिकित्सालय साहिबाबाद में हैं।
टीबी रोगियों को दिए जाते हैं 5 सौ रुपए प्रतिमाह
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि एक अप्रैल 2018 से भारत सरकार ने निक्षय पोषण योजना के तहत सभी क्षय रोगियों को पांच सौ रुपए प्रति माह की दर से भुगतान करने की घोषणा की थी। प्राइवेट सेक्टर के सभी चिकित्सकों को क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति को नोटिफाइड करने पर पांच सौ रुपए प्रति क्षय रोगी की दर से भुगतान किया जाता है। सभी ट्रीटमेंट सपोर्टर को क्षय रोगियों का पूर्ण इलाज कराने के पश्चात एक हजार रुपए रुपए प्रति रोगी की दर से भुगतान किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से टीबी के बचाव व रोकथाम के दृष्टिगत शासन द्वारा ऐसे प्रथम सूचना प्रदाता को भी पांच सौ रुपए प्रति मरीज मानदेय दिया जाता है, जिसकी सूचना पर संभावित रोगी में क्षय रोग चिन्हित कर लिया जाता है।