देहरादून। जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला बढ़ता जा रहा है। हालात दिनोंदिन खराब हो रहे हैं। दहशत के मारे लोग जोशमठ से घर छोड़ रहे हैं। लोगों के घरों में जहां दरारें पड़ रही हैं वहीं सड़क भी धंस रही हैं। शुक्रवार को एक मंदिर के धराशायी होने की खबर से लोगों में दहशत बनी हुई।
जानकारी के अनुसार सिंहधार वार्ड मे मां भगवती का मंदिर ढहने की खबर से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा। उधर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ भू-धंसाव की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सचिव को भेज दी है। जिलाधिकारी का कहना है कि जोशीमठ में कुल 561 भवनों में दरार आई हैं। जांच के आधार पर गांधीनगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरार आई है। गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भू-वैज्ञानिकों की टीम के साथ जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण किया। सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ नगर में भू-धंसाव के कारणों की जांच की जा रही है। टीम की ओर से हर नजरिए से समस्या का आंकलन किया जा रहा है। घरों में दरारें चिंताजनक हैं। जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए एसडीआरएफ ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए यहां तीन और टीमें तैनात की गई हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारियां भी तेज हो रही हैं।