- यह मेरी पूरी टीम की मेहनत का तोहफा है : सीएमएस डा. संगीता गोयल
- केंद्र सरकार से मिलेंगे 22 लाख, 12 लाख आवंटित भी हुए
- तीन चरणों में हुए एसेसमेंट में चिकित्सालय को 92.97 अंक मिले
गाजियाबाद। भारत सरकार की ओर से जिला महिला चिकित्सालय को कायाकल्प अवार्ड नए साल के तोहफे के रूप में मिला है। योजना के तहत जिला महिला चिकित्सालय को सूबे में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। प्रथम स्थान पर पंडित दीनदयाल उपाध्ययाय चिकित्सालय, वाराणसी और तृतीय स्थान पर जिला महिला चिकित्सालय, बांदा रहा। भारत सरकार की कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत तीन चरणों में हुए आंकलन (एसेसमेंट) के बाद जिला महिला चिकित्सालय ने 92.57 अंक प्राप्त कर दूसरी रैंक हासिल की है। इसके लिए चिकित्सालय को 20 लाख रुपए मिलेंगे। पहले चरण में 10 लाख रुपए का बजट आवंटित भी हो गया है। इसके अलावा इको फ्रेंडली चिकित्सालयों में तीसरा स्थान हासिल करने पर चिकित्सालय को दो लाख रुपए का आवंटन भारत सरकार ने अलग किया है। कायाकल्प अवार्ड में सूबे में दूसरा स्थान पाकर जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संगीता गोयल काफी गदगद हैं। इस उपलब्धि पर उनकी पहली प्रतिक्रिया यह थी कि नए साल के मौके पर मिला यह तोहफा मेरी पूरी टीम की मेहनत के साथ-साथ सीएमओ डा. भवतोष शंखधर की शुभेच्छा और नगर निगम के सहयोग का प्रतिफल है। उन्होंने बताया कि कायाकल्प अवार्ड योजना में मुकाम हासिल करने के लिए हमने टीम बनाकर काम किया। जिला महिला चिकित्सालय के पूरे स्टाफ को इसके लिए काम करने का मौका दिया गया। स्टाफ ने छोटी-छोटी चीजों पर काम किया और मेरी भूमिका देखरेख करने की रही।
कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत वर्ष 2022-23 के लिए सूबे में कुल 127 जनपद स्तरीय चिकित्सालयों का इंटरनल तथा पियर एसेसमेंट कराया गया। इसमें 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 119 चिकित्सालयों का अंतिम चरण में एक्सटरनल एसेसमेंट कराया गया। इसमें 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली 92 चिकित्सा इकाइयों को अवार्ड के लिए चुना गया है। प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भारत सरकार की ओर से 50 लाख, द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर 20 लाख और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर 10 लाख रुपए की राशि दी जाती है। 89 चिकित्सालयों को सांत्वना पुरस्कार के तहत तीन – तीन लाख रुपए का बजट दिया गया है। मेरा अस्पताल योजना के अंतर्गत मरीजों की संतुष्टि के प्रतिशत के आधार पर 15 प्रतिशत वेटेज दिया गया है।
मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय की ओर से सीएमओ को भेजे पत्र में बताया गया है कि अवार्ड के तहत प्राप्त राशि में से 75 प्रतिशत चिकित्सालय के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंश स्टैंडर्ड एवं कायाकल्प अवार्ड के अंतर्गत चिन्हित गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रखरखाव और स्वच्छता व्यवथा पर खर्च होगी ताकि चिकित्सालय के स्कोर में वृद्धि हो सके। 25 प्रतिशत राशि कायाकल्प अवार्ड योजना के क्रियान्वयन में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों के उत्साहवर्धन पर खर्च की जा सकेगी। 25 प्रतिशत राशि में 25 प्रतिशत अवार्ड समारोह पर, पांच प्रतिशत स्मृति चिह्न मुद्रण पर, 30 प्रतिशत अधिकारियों -कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए कैश प्राइज या गिफ्ट पर, 30 प्रतिशत नेशनल क्वालिटी एश्योरेंश सर्टिफाइड चिकित्सा इकाई के भ्रमण पर और 10 प्रतिशत राशि लर्निग मैटीरियल और रिफ्रेशमेंट पर खर्च की जा सकती है।