लखनऊ। योजना भवन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र विषयक एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए, साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 18 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी भी जुड़े। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि देश में महिला और पुरुष दोनों को समान अधिकार हैं। हम सभी को पता है कि मातृ शक्ति से सब कुछ संभव है। आज महिलाओं की भागीदारी पुलिस, चिकित्सा, शिक्षा, तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, पंचायती राज जैसे हर सेक्टर में तेजी से बढ़ रही है। आज के दौर में महिलाएं किसी से कमजोर या पीछे नहीं है। महिलाओं की ताकत को आर्थिक तौर पर उभारना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बीते साढ़े पांच वर्षों में महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति अभियान चलाया। कन्या भ्रूण हत्या की समस्या के निदान के लिए पहले मुखबिर योजना चलाई और फिर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को तेज गति दी गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास, सम्मान और स्वावलंबन के बारे में महिलाओं के क्या विचार हैं, यह जानना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिवों का दूसरा सम्मेलन विकसित भारत-अंतिम तक पहुंचना के विषय पर आयोजित किया जाएगा। इसमें भारत सरकार द्वारा सम्मेलन में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ विचार मंथन किया जाएगा। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य को उप विषय महिला सशक्तिकरण, विशिष्ट क्षेत्र महिला सुरक्षा और अधिकारिता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए अग्रणी राज्य (संयोजक) के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश को उप विषय के लिए सह संयोजक के रूप में नामित किया गया है। इसमें यूपी, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, नागालैंड, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल आदि शामिल हैं। कार्यक्रम में सचिव महिला कल्याण अनामिका सिंह समेत अन्य संबंधित अधिकारी आदि मौजूद थे।