- मधुमेह देखभाल तक पहुंच की थीम के साथ मनाया गया मधुमेह दिवस
- स्वास्थ्य विभाग ने एएनएमटीसी में किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
हापुड़। बदलती जीवनशैली के चलते मधुमेह बढ़ रहा है। कभी अधिक उम्र और शहरी क्षेत्रों में होने वाली यह बीमारी धीरे-धीरे युवावस्था में और ग्रामीण क्षेत्रों में भी दस्तक देने लगी है। समय रहते सचेत होकर इससे बचा जा सकता है। यह बातें विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर पिलखुवा स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर (एएनएमटीसी) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने कहीं। उन्होंने कहा मधुमेह रोगी नियमित रूप से अपनी आंखों की स्क्रीनिंग भी कराते रहें, क्योंकि शरीर में शुगर का बढ़ता स्तर आंखों को भी प्रभावित करता है और लापरवाही के चलते आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
सीएमओ ने कहा कि पहले लोग शारीरिक श्रम ज्यादा करते थे, इसलिए मधुमेह जैसी तमाम बीमारियों से बचे रहते थे। बदलती जीवन शैली में शारीरिक श्रम कम हो गया है, इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। व्यायाम से मानसिक तनाव भी कम होता है। उच्च रक्तचाप यानि हाइपरटेंशन और तनाव मधुमेह के बड़े कारण हैं। सही मायने में इन सब परेशानियों का कारण अनियमित दिनचर्या और खान-पान ही है। खानपान में तला-भुना खाने का चलन बढ़ गया है जबकि शारीरिक श्रम कम हुआ है। लोगों के काम धंधे ऐसे हो गए हैं कि अक्सर बाहर का खाना खाना पड़ता है। किसी दिन यदि तला- भुना या बाहर का खाना खाना पड़े तो प्रयास करें उस दिन शारीरिक श्रम यानि व्यायाम भी ज्यादा करें। डा. त्यागी ने बताया कि शरीर में इंसुलिन न बनने अथवा कम बनने पर व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हो जाता है। मधुमेह होने पर ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं में न जाकर रक्त में रहता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर का स्तर आंखों, किडनी और हृदय को प्रभावित करता है। इसके साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित हो जाती है और संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
मधुमेह के शुरूआती लक्षण
भूख और प्यास बढ़ना
बार-बार पेशाब आना और मुंह सूखना
थकान और वजन में कमी आना
सिरदर्द और चिड़चिड़ापन
घाव देर से ठीक होना
दृष्टि धुंधली होना
हाथ या पैर में झुनझुनी या सुन्नपन
कामेच्छा में कमी और यौन रोग, पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में मधुमेह अधिक
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – पांच (एनएफएचएस- 5) के मुताबिक हापुड़ जनपद में 7.7 प्रतिशत महिलाएं और 9.6 प्रतिशत पुरुष मधुमेह नियंत्रित रखने के ल?िए दवा खाते हैं। महिलाओं में 4.1 प्रतिशत को मधुमेह और 3.3 प्रतिशत को उच्च मधुमेह की शिकायत है। इसी प्रकार पुरुषों की बात करें तो 4.9 को मधुमेह और 4.1 प्रतिशत को उच्च मधुमेह है। यह सर्वे 2019-21 में किया गया था।