गाजियाबाद। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर जिला एमएमजी अस्पताल स्थित मनकक्ष में कार्यशाला के आयोजन के साथ मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह का आगाज हुआ। कार्यशाला में मानसिक रोगों पर खुलकर बात करने पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. आरके गुप्ता ने कहा मानसिक रोग भी अन्य रोगों की ही तरह है और यह किसी को भी हो सकता है। मानसिक रोग को छिपाने की नहीं बल्कि चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर उपचार लेने की जरूरत है। शुरूआती अवस्था में केवल काउंसलिंग से ही अधिकतर मानसिक रोग दूर हो जाते हैं।
उन्होंने बताया जिला एमएमजी अस्पताल में काउंसलिंग और जरूरत पड़ने पर निशुल्क उपचार की व्यवस्था है। ओपीडी में पहुंचे करीब 80 लोगों को मानसिक रोगों के बारे में बताया गया और पैंफलेट भी दिए गए। इसके साथ ही फल भी वितरित किए गए। साइकेट्रिस्ट कंसलटेंट डा. साकेतनाथ तिवारी और डा. अनिल विश्वकर्मा ने कार्यशाला में मानसिक रोगों के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया 70 से 80 फीसदी मानसिक रोगी उपचार नहीं करवा पाते। उपचार बहुत महंगा होना इसकी वजह नहीं है, बल्कि सबसे बड़ा कारण ह्लसोशल स्टिग्माह्व है, इसे दूर करने की जरूरत है। लोग मनोचिकित्सक के पास जाने से कतराते हैं। कोई भी व्यक्ति यदि लगातार 10 दिन तक उदास रहता है तो उसे चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत होती है, लेकिन लोग सलाह देते हैं कि ऐसे नहीं चलता, खुश रहा करो, वह यह सलाह नहीं देते साइकेट्रिस्ट से परामर्श लो, जबकि ऐसे में साइकेट्रिस्ट से परामर्श लेने की सख्त जरूरत होती है। ?
उन्होंने कहा परिजन भी मरीज को साइकेट्रिस्ट के पास ले जाने से हिचकते हैं और बीमारी बढ़ती जाती है। यदि कोई साइकेट्रिस्ट के पास चला भी जाए तो लोग उसे दूसरी नजर से देखने लगते हैं और दूरी बना लेते हैं जबकि मानसिक रोग भी अन्य रोगों की तरह हैं, इनका उपचार संभव है। मानसिक रोगों का उपचार धैर्य और नियमित रूप से कराने की जरूरत होती है और इससे भी अधिक जरूरत होती है कि रोगी कि बात ध्यान से सुनें, उसके साथ आत्मीयता से पेश आएं।
मानसिक रोगियों को एंबुलेंस, मेडीक्लेम और आपात सेवाएं प्राप्त करने का भी हक है। कार्यक्रम में जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. आरपी सिंह, डा. आलोक रंजन, डा. संतराम, डा. विनय कांत, डा. चंदा यादव और डा. आशुतोष आदि मौजूद रहे।
आज नशा मुक्ति केंद्र संचालकों की होगी कार्यशाला
मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डा. आरके गुप्ता और वरिष्ठ साइकेट्रिस्ट कंसलटेंट डा. साकेतनाथ तिवारी ने बताया 16 अक्टूबर तक मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह मनाया जाएगा। इस सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ में पूरे जनपद से नशा मुक्ति केंद्र संचालकों को बुलाया गया है। मानसिक रोगों की पहचान के लिए उनकी कार्यशाला आयोजित की जाएगी। सोमवार को आईटीएस मुरादनगर में एक कार्यक्रम आयोजित कर मेडिकल के सौ छात्रों का भी मानसिक रोगों के प्रति संवेदीकरण किया गया।