- चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रदेश में बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध: पाठक
- आने वाले वर्षों में प्रदेश में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या में वृद्धि होगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी समाज की प्रगति के लिए दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों शिक्षा तथा स्वास्थ्य का विकास आवश्यक है। इनके बगैर सुसभ्य और स्वस्थ समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। इन क्षेत्रों में भारत कभी विश्व गुरु के रूप में स्थापित था तथा उत्तर प्रदेश, देश में अग्रणी था। शैक्षिक रूप से हम इतने समुन्नत थे कि दुनिया भारत की ओर देखती थी। उस समय भारत के प्रसिद्ध गुरुकुलों में अध्ययन के लिए लोग आते थे। नालंदा, तक्षशिला, विक्रम शिला तथा काशी के विश्वविद्यालय इस बात के उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। भारत की स्वास्थ्य पद्धति दुनिया की सबसे प्राचीनतम स्वास्थ्य पद्धतियों में से है।
मुख्यमंत्री यहां एसजीपीजीआई के कन्वेंशन सेन्टर में मिशन निरामया का शुभारम्भ करने के उपरान्त आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मिशन निरामया को एक व्यापक सुधार कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है। इसका उद्देश्य राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव लाना है। मिशन निरामया: में ऐसे सुधारों की परिकल्पना की गई है, जो प्रदेश को देश में नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा का केंद्र बनाने की योग्यता रखते हैं। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री के उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा, उत्तम स्वास्थ्य के मददेनजर साकार करता है। मुख्यमंत्री द्वारा मिशन निरामया: में 7 कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया गया। इनमें मेन्टर प्रोग्राम, संस्थानों की रेटिंग, नर्सों की नियुक्ति, कैरियर काउंसिलिंग, रोजगार के अवसर, डिजीटल प्लेटफॉर्म का निर्माण तथा निष्पक्ष परीक्षाएं सुनिश्चित करना शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में शोध की सम्भावनाओं को समयानुरूप आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया। परिणामत: दुनिया बहुत आगे बढ़ गयी और हम पिछड़ गये। उनकी नकल करना हमारी मजबूरी हो गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से वर्ष 2017 में प्रदेश में नई शुरूआत की गयी। सभी क्षेत्रों में प्रदेश के विकास तथा नये भारत के नये उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए अभियान आगे बढ़ाया गया। मिशन निरामया: उसी कड़ी का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल का क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र को समृद्ध और आमजन के विश्वास का प्रतीक बनाता है। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्वास्थ्य क्षेत्र की रीढ़ है। इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए इसी दृष्टि से प्रयास करने होंगे। 90 के दशक में आईटी का क्षेत्र सबसे उज्जवल क्षेत्र था। लेकिन नर्सिंग की फील्ड ऐसी है, जो सदैव उज्जवल बनी रहेगी। बालिकाओं तथा महिलाओं के लिए यह क्षेत्र सबसे अच्छा है। यह सेवा, रोजगार, स्वावलम्बन तथा सुरक्षा जैसे कई सम्भावनाओं को आगे बढ़ाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अच्छा व संवेदनशील डॉक्टर भी किसी मरीज को दो से तीन मिनट ही दे पाता है। यदि मरीज अस्पताल में भर्ती है तो दिन भर में 5 से 10 मिनट का समय ही डॉक्टर उसे दे पाता है। शेष समय मरीज को किसी न किसी नर्सिंग अथवा पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही व्यतीत करना होता है। यही स्टाफ, डॉक्टर के बताये गये सुझाव के अनुरूप मरीज को आरोग्यता प्रदान करने में अपना योगदान देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यह क्षेत्र उपेक्षित था। इसके प्रति लोगों में भ्रान्त धारणाएं थी। नर्सिंग कॉलेज तथा पैरामेडिकल संस्थानों में फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, लाइब्रेरी तथा लेबोरेट्री आदि की उपलब्धता नहीं थी। ऐसी परिस्थितियों में उनसे गुणवत्ता की उम्मीद करना सही नहीं था। हाल ही में सरकार की पहल पर 4500 से 4700 स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग द्वारा प्रक्रिया शुरू की गयी थी। इनमें से कुछ को आज यहां नियुक्ति पत्र प्राप्त हुए हैं। ज्ञातव्य है कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग, केजीएमयू और राज्य के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में लगभग 3000 नर्सों की नियुक्तियां हुई हैं। इनमें से 50 नर्सों को नियुक्ति पत्र वितरित किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ चलते हुए राज्य सरकार ने नर्सिंग एवं पैरामेडिकल क्षेत्र के संस्थानों की गुणवत्ता के दृष्टिगत 6 पैरामीटर को ध्यान में रखकर कार्य किया है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने वाले 12 नर्सिंग कॉलेज को मेन्टर के रूप में स्थापित किया गया है। यह कॉलेज, अन्य नर्सिंग कॉलेज को उनके इंफ्रास्ट्रक्चर, लेबोरेट्री आदि व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। साथ ही उनकी फैकल्टी से संवाद बनाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी नर्सिंग तथा पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग कर उन्हें ग्रेड प्रदान करने के लिए क्वालिटी कमीशन आॅफ इण्डिया (क्यूसीआई) को भी मिशन निरामया: से जोड़ा गया है। माध्यमिक शिक्षा के बच्चों को नर्सिंग तथा पैरामेडिकल के क्षेत्र में कैरियर से अवगत कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। प्रदेश में डिजिटल प्लेटफॉर्म के निर्माण की कार्यवाही के साथ ही परीक्षाओं की शुचिता को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। यह बेहतर प्रयास है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से सभी कॉलेजों को सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है। आज नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने से पूर्व पर्याप्त फैकल्टी तथा इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। इस सम्बन्ध में कोई सिफारिश स्वीकार नहीं की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग व पैरामेडिकल के विद्यार्थियों के लिए सेना, अर्द्धसैनिक बल, राज्य पुलिस बल, राजकीय मेडिकल कॉलेज, अस्पताल तथा निजी क्षेत्रों में अपार सम्भावनाएं हैं। स्वास्थ्य से सम्बन्धित राज्य सरकार के अनेक कार्यक्रम हैं, जो इनके बगैर संचालित नहीं हो सकते हैं। दुनिया में भारत के नर्सिंग स्टाफ की मांग बढ़ी है। उनके यहां स्वास्थ्य के क्षेत्र में मैनपावर की कमी है। यह हमारा सौभाग्य है कि भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है। युवाओं के बेहतर कैरियर के लिए अच्छी शिक्षा प्रदान कर, कैरियर काउंसिलिंग के साथ ही उन्हें नियुक्ति से जोड़कर सुरक्षा की गारण्टी देकर आगे बढ़ाएंगे तो वे स्वास्थ्य के क्षेत्र को सुदृढ़ करने में अपना योगदान देंगे।
चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि मिशन निरामया: एक सतत प्रक्रिया है। चिकित्सा के क्षेत्र में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सपोर्टिव सुपर विजन हेतु 12 संस्थानों को मेन्टर संस्थान की उपाधि प्रदान की। इनमें रूहेलखण्ड कालेज आॅफ नर्सिंग बरेली, फैकल्टी आॅफ नर्सिंग यूपी यूएमएस सैफई-इटावा, नाइटेंगल इंस्टीट्यूट आॅफ नर्सिंग गौतमबुद्धनगर, शारदा स्कूल आॅफ नर्सिंग साइंस एंड रिसर्च शारदा यूनिवर्सिटी गौतमबुद्धनगर, एससीपीएम कॉलेज आॅफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंसेज गोण्डा, गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आॅफ नर्सिंग गोरखपुर, कॉलेज आॅफ नर्सिंग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर, बाबा इंस्टीट्यूट आॅफ पैरामेडिकल लखनऊ, कॉलेज आॅफ नर्सिंग एसवीबीपी हॉस्पिटल मेरठ, पन्नाधाय माँ सुभारती नर्सिंग कॉलेज मेरठ, आईआईएमटी कॉलेज आॅफ मेडिकल साइंसेज आईआईएमटी यूनीवर्सिटी मेरठ तथा हिलेरी क्लिंटन नर्सिंग स्कूल सहारनपुर शामिल थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।