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घंटाघर रामलीला में श्री राम-केवट संवाद से दशरथ मरण तक का मंचन

  • मांगी नाव न केवटु आना, कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना। चरन कमल रज कहुं सबु कहई, मानुष करनि मूरि कछु अहई…
    गाजियाबाद।
    श्री सुल्लामल रामलीला में सुमंत जी की वापसी, श्री राम केवट संवाद व दशरथ जी की मृत्यु की लीला का मंचन किया गया। कमेटी द्वारा सुमंत जी की वापसी की लीला डासना गेट, श्री राम केवट प्रसंग रामघाट मंदिर रमते रामरोड़ व दशरथ जी द्वारा प्राण त्यागने की लीला, लीला मंच पर की गई। डासना गेट पर लीला में श्रीराम ने सीता से अयोध्या जाकर सास ससुर की सेवा करने को कहा, तो सीता की ओर से उत्तर आया, हे प्राण पति चांदनी चंद्रमा को छोड़ कर जा सकती है, पवन देव अपनी गति रोक सकते हैं, अग्नि ज्वलनशीलता भुला सकती है। किंतु सीता अपने स्वामी को वन में छोड़कर नहीं जा सकती है। श्री राम सुमंत से वापस जाने को कहते हैं। सुमंत सब को प्रणाम कर रहा अयोध्या की ओर प्रस्थान कर गए। रामघाट मंदिर पर लीला मंचन में सुमंत को अयोध्या भेजने के बाद श्री राम गंगा तीर पर पहुंचे। जहां उन्होंने केवट से नाव मांगी, पर वह नाव नही लाता । वह कहने लगा- मैंने तुम्हारा मर्म (भेद) जान लिया। तुम्हारे चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग कहते हैं कि वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है। इसलिए प्रभु बिना पैर धोए मैं अपनी नाव पर आप को चढ़ने नही दूंगा। प्रभु श्रीराम ने केवट को पैर धोने की अनुमति दी। तो उसके खुशी का ठिकाना न रहा। उस पार उतारने के बाद जब प्रभु श्रीराम उसे उतराई देने लगे तो उसने कहा हे नाथ आज मैंने क्या नही पाया। मेरे दोष, दु:ख और दरिद्रता की आग बुझ गई। लौटते वक्त आप जो देंगें उसे मैं सहर्ष स्वीकार कर लूंगा। रामघाट मन्दिर की लीला के बाद घण्टा घर लीला मंच पर सुमंत राम को सरयू के किनारे नाव से रवाना कर राजा दशरथ के पास आते हैं। सुमंत कहता है कि राम लक्ष्मण मुझसे कहने लगे कि महाराज का ध्यान रखना। हम 14 वर्ष के बाद वापस आएंगे और वह आगे रवाना हो जाते हैं। यह सुनकर दशरथ बड़े दुखी होते हैं और विलाप करते करते अपने प्राण त्याग देते हैं। लीला को दुख कर सभी दर्शकों की आँखे भर गई। लीला में अध्यक्ष वीरू बाबा, उस्ताद अशोक गोयल, कार्यवाहक महामंत्री दिनेश शर्मा बब्बे, ज्ञान प्रकाश गोयल, राजेन्द्र मित्तल मेंदी वाले, संजीव मित्तल, अनिल चौधरी, आलोक गर्ग, विनय सिंघल, नरेश अग्रवाल, देवेंद्र मित्तल, सुभाष गुप्ता, सुबोध गुप्ता, राघवेंद्र शर्मा, लोकेश बंसल, सुनील कुमार शीलो, सुनील गर्ग, सुभाष शर्मा, अनिल अरोड़ा, श्री कांत राही, नीरज गोयल सहित समस्त पदाधिकारी, उपस्थित रहे।

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