नई दिल्ली। इसी वर्ष 27 मार्च को गाजियाबाद समेत देश के कई हिस्सों में हुई जम्मू कश्मीर में एसआई भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर मंगलवार को सीबीआई ने एक साथ छापेमारी शुरू कर दी। छापे जम्मू, श्रीनगर, हरियाणा के कई जिलों, गांधीनगर, गाजियाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली सहित 33 स्थानों पर मारे जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, डीएसपी, और सीआरपीएफ के अधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है। जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) ने 27 मार्च को सब इंस्पेक्टर के 1200 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी, जिसका परिणाम चार जून को जारी किया गया। 97 हजार युवाओं ने भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी। रिजल्ट के बाद सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में कुछ अभ्यर्थियों को मिले अंक पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद प्रदेशभर में इसमें जांच के लिए प्रदर्शन हुए। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 10 जून को भर्ती में धांधली की जांच के आदेश दिए थे। उपराज्यपाल ने गृह सचिव आरके गोयल, कानून विभाग के सचिव अचल सेठी और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मनोज द्विवेदी को जांच समिति में शामिल किया था।
जांच की रिपोर्ट आने के बाद भर्ती परीक्षा को आठ जुलाई को रद्द कर दिया गया और इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
सब इंस्पेक्टरों की भर्ती मामले में भर्ती करने वाली एजेंसी को ठेका देने पर एसएसबी सवालों के घेरे में है। एजेंसी को कई राज्यों और विभागों ने प्रतिबंधित कर रखा है, बावजूद इसके कंपनी को एसएसबी ने बिना नियमों में बदलाव किए भर्ती का ठेका दे दिया।
जानकारी के अनुसार भर्ती कंपनी को आॅयल एवं नेचुरल गैस कारपोरेशन की ओर से प्रतिबंधित किया जा चुका है। पीजीआई भी ऐसा कर चुकी है, जबकि झारखंड सरकार भी ऐसा कर चुकी है। कंपनी द्वारा भर्ती में सही काम न करने को लेकर ऐसा किया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सबकुछ जानते हुए भी लिखित परीक्षा से लेकर आवेदन तक लेने के लिए कंपनी को जिम्मा दिया गया।