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देश के नागरिकों को आधार कार्ड के रूप में एक यूनिक आइडेंटिटी मिली: मुख्य सचिव

  • मुख्य सचिव ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया
  • सही व्यक्तियों तक पहुंच रहा आधार से वेरिफाई होने के कारण केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ
    लखनऊ।
    भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में आधार ईको सिस्टम लागू किया गया है। वर्ष 2002 में आधार कार्ड बनने के बारे में सोच प्रारंभ हुई थी, इसके लिए ग्रुप आॅफ मिनिस्टर बनाया गया था, जिसमें देश की सुरक्षातंत्र को आधुनिक और प्रभावी बनने के लिए संस्तुति की गई थी। आज देश के नागरिकों को आधार कार्ड के रूप में एक यूनिक आइडेंटिटी मिली है।
    उन्होंने कहा कि यूनिक आइडेंटिटी को अर्थव्यवस्था या फिर भारत सरकार और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को आधार कार्ड से कैसे जोड़ा जाए, इस विषय पर मंथन किया गया था और इसे लागू करने के लिये कई कानूनी लड़ाइयां भी लड़ी गर्इं। आधार से प्रमाणित होने के कारण केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सही व्यक्तियों तक पहुंच रहा है। आधार प्रमाणीकरण से राज्य सरकार ने लगभग 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि बचायी है।
    उन्होंने कहा कि योजनाओं का सही व्यक्ति तक पहुंचे राज्य सरकार का यही संकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर किसान के हर खेत को आइंडेटिफाई करने का कार्य किया जा रहा है। एक यूनिक आइडेंटिटी हो जाएगी। इस कार्य के होने के बाद हर किसान के हर खेत में क्या कर रहा है इसकी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में प्राथमिक स्कूलों में करीब 1.92 करोड़ बच्चों को प्रवेश हुआ है, इन सभी छात्रों को आधार से प्रमाणित भी किया गया है। यूनिक आइडेंटिटी के माध्यम से राज्य सरकार आज प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संकल्प लिया है प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक ले जाना है, यह तभी संभव होगा जब आम जनमानस को अर्थव्यवस्था से जोड़ दिया जाए, हर परिवार को रोजगार मिले। कार्यक्रम में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के सीईओ सौरभ गर्ग, उपमहानिदेशक प्रशांत कुमार सिंह, सचिव नियोजन आलोक कुमार आदि मौजूद रहे।

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