- साफ पानी में पनपता है डेंगू का लार्वा, घर के आसपास न जमा होने दें पानी
- मच्छरों पर काबू करने के लिए की जा रही फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव
गाजियाबाद। जनपद में संचारी रोग नियंत्रण माह के तहत दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर दस्तक दे रही हैं और बुखार के साथ ही टीबी मरीजों का भी चिन्हांकन कर रही हैं। इसी के साथ दस्तक अभियान के दौरान किए जा रहे सर्वे में घरों में रखे कूलर, फ्रिज की ट्रे और गमलों आदि में लार्वा की भी जांच की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया दस्तक अभियान में जुटी टीमों को डेंगू को लेकर खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएमओ डा. शंखधर ने बताया दस्तक अभियान में लगी जुटी टीमों को यूं तो सभी प्रकार के बुखार के बारे में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं और साथ ही बुखार के मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकीय परामर्श और दवा दिलवाने के भी निर्देश दिए गए हैं, लेकिन डेंगू से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों को लेकर खास सतर्कता बरतने को कहा गया है। उन्होंने बताया डेंगू की शुरूआत तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में दर्द, असहनीय थकान, भूख न लगने और उल्टी आदि से होते है।
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों की त्वचा पर लाल चकत्ते हो जाते हैं। डेंगू के लक्षण आने में तीन से सात दिन का समय लग जाता है। डेंगू से प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरता है और कई बार मसूड़ों और नाक से खून तक आ जाता है, ऐसा होने पर मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है। उन्होंने बताया जनपद में रोजाना करीब 50 बुखार पीड़ितों की डेंगू की जांच की जा रही है लेकिन अभी डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया है।
जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत चल रहे सर्वे में जिन स्थानों पर डेंगू लार्वा मिला है, वहां नोटिस जारी करने के साथ ही दवा का छिड़काव भी किया गया है। सर्वे कर रही टीमें सभी स्थानों पर एंटी लार्वा का छिड़काव भी कर रही हैं। नगर निगम के साथ समन्वय स्थापित कर फॉगिंग कराई जा रही है। विभाग का प्रयास है कि इस बार डेंगू संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।