- पीएमएसएमए पर स्वास्थ्य केंद्र पर दी जाएं निजी चिकित्सालय जैसी सेवाएं : सीएमओ
- सीएमओ और एनयूएचएम प्रभारी ने बैठक में एमओआईसी और एमओ को दिए निर्देश
गाजियाबाद। स्वास्थ्य केंद्रों पर हर माह की नौ तारीख को होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (पीएमएसएमए) के मौके पर चिकित्सक गर्भवती को व्यक्तिगत रूप से परामर्श देंगे और साथ में काउंसलिंग भी करेंगे। इतना ही नहीं प्रसव पूर्व जांचों के अलावा इस मौके पर ह्लबर्थ प्लानिंगह्व भी कराएंगे ताकि प्रसव के समय किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े और मातृ मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने पीएमएसएमए की बैठक में एमओआईसी और एमओ को निर्देश दिए हैं कि पीएमएसएमए पर गर्भवती को दी जाने वाली सेवाएं निजी चिकित्सालयों की ही तरह हों।
एनयूएचएम प्रभारी डा. राकेश गुप्ता ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि मातृ मृत्यु की रिपोर्टिंग शत-प्रतिशत हो। डा. गुप्ता ने बताया कि सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) और मेडिकल अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि पहले से अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की डयू लिस्ट तैयार करा लें। इसके साथ निजी चिकित्सालयों को भी मातृ मृत्यु के संबं?ध में शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग के निर्देश दिए गए हैं यह पता लग सके कि हमें कहां और किस तरह के प्रयास करने की जरूरत है। सभी केंद्र प्रभारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि पीएमएसएमए पर चिकित्सक हर गर्भवती से व्यक्तिगत रूप से बात करें और जांच के बाद उन्हें उचित परामर्श भी दें।
डा. गुप्ता ने बताया कि बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि बर्थ प्लानिंग के सिलसिले में भी चिकित्सक गर्भवती और उनके साथ आए परिजनों से बात करें। क्या करें और क्या न करें, यह भी विस्तार से बताएं। इसके साथ ही प्रसव पीड़ा या उससे पहले कोई समस्या होने पर उन्हें कहां संपर्क करना है, इस संबंध में भी पूरी जानकारी दें और संबंधित का नंबर भी उपलब्ध कराएं। गर्भवती को बैंक खाता खुलवाने और मातृत्व वंदना योजना व जननी सुरक्षा योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दें। बैठक में संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस, डीपीएम अनुराग भारती और मातृ स्वास्थ्य सलाहकार जितेंद्र राव भी मौजूद रहे।