- शासन से नामित एनजीओ सीएमओ कार्यालय सभागार में दे रहा प्रशिक्षण
- कार्यशाला में नवजात के लिए स्तनपान और स्पर्श के फायदे बताए गए
- स्टाफ नर्सेज को स्तनपान और स्पर्श का सही तरीका भी सिखाया गया
गाजियाबाद। सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जहां जनपद में ब्लॉक स्तर पर मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) तैयार कराई गई हैं वहीं एमएनसीयू में तैनात स्टाफ नर्सेज को स्तनपान और स्पर्श के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। शासन से नामित एनजीओ ह्लसीईएलह्व की ओर से इसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू कराया गया है। संजयनगर स्थित सीएमओ कार्यालय के सभागार में मंगलवार से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि पहले दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 23 स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया। बुधवार और बृहस्पतिवार को भी 23 – 23 स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ (आरसीएच) डा. विश्राम सिंह की मौजूदगी में शुरू हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनजीओ की ओर से स्टाफ नर्सों को स्तनपान का महत्व, स्तनपान कराने का सही तरीका और टाइमिंग के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान बताया गया, प्रसव के बाद जितना जल्दी संभव हो, स्तनपान कराएं। स्तनपान कराते समय यदि मां की पाजीशन सही नहीं, होगी तो स्तनपान कराना दर्दनाक हो सकता है। स्तनपान कराते समय शिशु मां से लिपटा और ताकि मां और शिशु की त्वचा संपर्क में रहे, ऐसा करने से जहां शिशु में सुरक्षा का भाव आएगा वहीं भूख लगने पर वह मां को संकेत भी दे सकेगा। शुरूआत में दिनचर्या की परवाह किए बगैर शिशु की जरूरत और प्रतिक्रियाओं के हिसाब से चलें। शुरूआती दिनों में शिशु को बार-बार स्तनपान की जरूरत होती है। प्रशिक्षण में बताया गया कि एमएनसीयू में प्रसूताओं को बताएं कि वह हर बार शिशु को दोनों स्तनों से दूध पिलाएं। स्तनपान करा सकें तो शिशु को बोतल से दूध पिलाने की आदत डालना ठीक नहीं है। लंबे समय तक स्तनपान कराते समय प्रसूता दर्द की शिकायत करें तो चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत होती है। घड़ी देखकर स्तनपान न कराएं, हर शिशु का समय अलग-अलग हो सकता है। शिशु की प्रतिक्रिया के मुताबिक व्यवहार करें। स्तनपान कराते समय निप्पल की सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। इसके निप्पल पैड को बदलने के साथ ही संभव हो तो कुछ समय के लिए हवा लगाएं।