लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश से नेपाल जाने वाले लुम्बिनी – नौगढ़ – बांसी – सिद्धार्थनगर, सोनौली – नौतनवां – गोरखपुर, बाराबंकी – बहराइच – नानपारा – रुपईडीहा, मार्गों पर भारत-नेपाल मैत्री हब विकसित किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल मैत्री हब के अन्तर्गत भारत-नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 1-10 कि.मी. के अन्दर लगभग 100 एकड़ भूमि में चिकित्सा, शिक्षा, मंडी, पर्यटन, शॉपिंग मॉल, बस अड्डा आदि बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। बहुउद्देशीय हब के नजदीकी मुख्य कस्बे को सम्बन्धित विभागों द्वारा विकसित किया जाए। अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर ह्यभारत-नेपाल मैत्री द्वारह्ण का निर्माण कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश अपने सरकारी आवास पर अन्तर्राष्ट्रीय व अन्तर्राज्यीय सीमा मार्गों के विकास के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि सीमा मार्गों पर बहुउद्देशीय बुनियादी सुविधाओं के विकास का कार्य तेजी से समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए। इन सुविधाओं का विकास पीपीपी मोड पर कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तर्राज्यीय सीमा मार्गों के तहत प्रदेश से बिहार राज्य जाने वाले दिल्ली-कोलकाता मार्ग (जीटी रोड) पर जनपद चन्दौली, लखनऊ-गोरखपुर-गोपालगंज-मुजफ्फरपुर मार्ग पर जनपद कुशीनगर, मध्य प्रदेश राज्य जाने वाले सतना-चित्रकूट-कर्वी मार्ग पर जनपद चित्रकूट, उत्तराखंड राज्य जाने वाले सहारनपुर-देहरादून मार्ग पर जनपद सहारनपुर, मेरठ-पौड़ी (नजीबाबाद-कोटद्वार) मार्ग पर जनपद बिजनौर, राजस्थान राज्य जाने वाले मथुरा-भरतपुर मार्ग पर जनपद मथुरा तथा झारखण्ड राज्य जाने वाले रीवा-रांची मार्ग पर जनपद सोनभद्र में बहुद्देशीय बुनियादी सुविधाओं एवं भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कराया जाए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन हेमन्त राव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नरेन्द्र भूषण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।