लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर एनजीओ युवा अनस्टॉपेबिल के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल से अपने अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश असीमित सम्भावनाओं का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि शासन के पास योजनाएं लागू करने के लिए पर्याप्त धन मौजूद है, इसका हमें सदुपयोग करना है।
उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वांचल सहित 38 जनपदों में लम्बे समय तक मौजूद इंसेफेलाइटिस संक्रमण एवं इसके दुष्प्रभावों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व लगभग पिछले 40 वर्षांे से इस समस्या के कारण प्रमुख रूप से पूर्वांचल के बहुत से परिवार और उनके बच्चे प्रभावित हुए। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता सम्भालने के बाद राज्य सरकार ने इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त करने के उद्देश्य से योजना बनाकर अभियान पूर्वक कार्य किया। अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए इस बीमारी से जंग लड़ी गयी।
विभागीय टीमें गठित कर उन्हें प्रभावित जनपदों के प्रभावित परिवारों से सम्पर्क करने के लिए भेजा गया। लोगों में साफ-सफाई के प्रति जागरूकता लायी गयी। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, बच्चों तथा लड़कियों के टीकाकरण का व्यापक अभियान चलाया गया। बीमार बच्चों को सही इलाज मुहैया कराने के दृष्टिगत स्थानीय स्तर पर पीडियाट्रिक्स आईसीयू स्थापित किये गये, ताकि प्रभावित बच्चों को तुरन्त और उचित इलाज मिल सके। बच्चों को इन सेन्टरों पर पहुंचाने के लिए सरकारी एम्बुलेन्स की व्यवस्था की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है। साथ ही, यह जलजनित भी है। उन्होंने कहा कि बीमारी से बचाव के लिए हमने जनजागरूकता अभियान चलाया जिसके माध्यम से लोगों को साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल की महत्ता तथा मच्छरों से स्वयं से बचाने के उपायों के विषय में बताया। विभिन्न प्रयासों तथा अन्तर्विभागीय समन्वय के कन्वर्जेन्स से इस बीमारी पर राज्य सरकार ने विजय प्राप्त की। आज इस बीमारी से प्रभावित जनपदों में मृत्युदर में 95 प्रतिशत की कमी आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की प्रगति के लिए शिक्षा अत्यन्त आवश्यक है। प्रदेश में बड़ी संख्या में बेसिक शिक्षा के स्कूल मौजूद हैं। राज्य सरकार द्वारा अभी तक एक लाख 30 हजार शिक्षकों की भर्ती पारदर्शी ढंग से की जा चुकी है। राज्य सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के उद्देश्य से स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात तय किया। आॅपरेशन कायाकल्प के माध्यम से स्कूलों में फर्नीचर, पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित अन्य अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की। विद्यालयों में खेल के मैदान स्थापित करवाए तथा लाइब्रेरी भी स्थापित की गयी। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष शिक्षा के मद में 81 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रावधानित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने 18 मण्डलों में श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों के लिए स्थापित किये जा रहे अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी बच्चों को अच्छी गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। आगे चलकर इन विद्यालयों की स्थापना सभी जनपदों में की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल की विकट परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने पहले दिन से ही रणनीति बनाकर जीवन और जीविका की रक्षा की। इस महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया गया। विकट परिस्थितियों के बावजूद कोई टैक्स उत्तर प्रदेश वासियों पर नहीं थोपा गया। महामारी के दौरान गरीबों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को नि:शुल्क राशन मुहैया कराया गया। यह सुविधा अभी भी जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया कराने में एमएसएमई सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर का बहुत बड़ा बेस मौजूद है। इस सेक्टर की यह विशेषता है कि इससे कम निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। पिछली सरकारों की उदासीनता के कारण यह सेक्टर मृतप्राय हो गया था। वर्ष 2017 में जब सरकार बनी तब इस सेक्टर की बहुत बुरी स्थिति थी। लोगों को रोजगार मुहैया कराने में एमएसएमई सेक्टर के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने इस सेक्टर को अनुकूल वातावरण सृजित करते हुए पुनर्जीवित किया। महत्वाकांक्षी ओडीओपी योजना लागू की गयी। सभी जनपदों के विशिष्ट उत्पाद तय किये गये और उन्हें बढ़ावा दिया गया। इसके चलते आज उत्तर प्रदेश का एक्सपोर्ट एक लाख 56 हजार करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें ओडीओपी उत्पाद की प्रमुख भूमिका है।
एनजीओ युवा अनस्टॉपेबिल के प्रतिनिधि मंडल द्वारा उत्तर प्रदेश के विकास से जुड़ने की इच्छा व्यक्त करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्वैच्छिक संगठन प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़कर अच्छा कार्य सकता है।
एनजीओ युवा अनस्टॉपेबिल के प्रतिनिधिमंडल में जीरोढा के निखिल कामथ, गिव इंडिया के अतुल सतीजा, एक्साइड के जितेन्द्र कुमार, एनजीओ युवा अनस्टॉपेबिल की रश्मि शाह, वेदान्ता फाउंडेशन की ऋतु झींगन, एचडीएफसी बैंक की अशिमा भट्ट, सरस्वती मेडिकल कॉलेज के डा. रजत माथुर, गोदरेज की गायत्री दिवेचा, राइट्स लि. के विजय किशोर, फिनोलेक्स के अनिल वाहबी सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।