- लाडली श्री राधारानी जी मन्दिर बरसाना में पूजा-अर्चना की
- रसखान समाधि एवं श्रीकृष्ण भक्त ताज बीबी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए
- ब्रज क्षेत्र में ऐसे पौधों को लगाया जाए, जो हमारी विरासत हैं
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद मथुरा में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की 5वीं बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न आश्रमों में रहने वाली निराश्रित विधवाओं को सरकारी योजनाओं एवं अन्य कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें स्वावलम्बी बनाया जाए। उन्होंने सभी प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए कि ऐसी योजनाएं बनायी जाएं, जिससे ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद तथा नगर निगम आत्मनिर्भर बनें।
मुख्यमंत्री ने निर्माण योजनाओं में समयबद्धता एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए कार्य को पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में विलम्ब होने से कार्य की लागत बढ़ जाती है और आमजन को भी उस योजना का लाभ समय पर नहीं मिल पाता है। उन्होंने निर्देश दिए कि अपनी पौराणिक आस्था एवं संस्कृति से जुड़े रहने के लिए ब्रज क्षेत्र में ऐसे पौधों को लगाया जाए, जो हमारी विरासत हैं। उन्होंने स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि यमुना जी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे सभी कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए, जिससे यमुना जी साफ-सुथरी और निर्मल दिखाई दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रज क्षेत्र में किए जाने वाले विकास कार्यों के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित किया जाए। साथ ही, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा माह में एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाए। उन्होंने पौराणिक धर्म स्थलों पर लाइटिंग करने के भी निर्देश दिए, जिससे वह और अधिक आकर्षक लगें।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष गोवर्धन कनेक्ट परियोजना के अन्तर्गत गोवर्धन पर्वत से एनएच-2 को जोड़ने तथा विभिन्न मार्गों द्वारा एनएच-2 को जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्तावित मार्ग की कुल लम्बाई 48 कि.मी. तथा अनुमानित लागत 849.95 करोड़ रुपये होगी। इसके अलावा, मथुरा वृन्दावन रेल बस मार्ग के स्थान पर यातायात के वैकल्पिक साधन विकसित किए जाने, मथुरा जनपद में सिटी फॉरेस्ट सौभरि वन परियोजना, पर्यटन पुलिस थाने की स्थापना, उ.प्र. ब्रज तीर्थ विकास परिषद की परियोजनाओं के कार्यों को सम्पादित कराए जाने हेतु मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण को कार्यदायी संस्था नामित किए जाने, वृन्दावन गीता शोध संस्थान एवं रामलीला अकादमी, ग्राम पारसौली में सूरदास अकादमी की स्थापना, परिषद को एफसीआरए के अन्तर्गत पंजीकृत कराने, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा जनपद मथुरा में राया अर्बन रोड विकसित किए जाने, विधवा महिलाओं एवं निराश्रित बच्चों के पुनर्वास कराने के साथ अन्य योजनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में प्रस्तावित कार्यों में भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय प्रजातियों के 8 लाख पौधों का रोपण, वृन्दावन स्थित कुम्भ क्षेत्र में केशीघाट से कुम्भ द्वार तक परिक्रमा मार्ग के किनारे फेन्सिंग का कार्य, गोवर्धन परिक्रमा क्षेत्र में स्थित कुण्डों, सरोवरों, वन क्षेत्रों में जलापूर्ति की व्यवस्था करने, गोवर्धन में बड़ी व छोटी परिक्रमा मार्ग पर सुव्यवस्थित पेयजल हेतु वॉटर लाइन, टीटीएसपी बूथ के कार्य के संचालन एवं रख-रखाव के कार्य सम्मिलित हैं। साथ ही, ग्राम भद्रवन बांगर स्थित प्राचीन हनुमान मन्दिर प्रांगण के विकास एवं सौन्दर्यीकरण, तीर्थ यात्रा पड़ाव हॉल बनाने, तहसील मांट के ग्राम डडीसरा स्थित नारद कुण्ड का पुनर्विकास एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य, पिरसुआ कुंड का पुनर्विकास एवं सौन्दर्यीकरण का विकास के साथ अनेक कार्यों पर चर्चा की गई, जिसकी अनुमानित लागत 4826.40 लाख रुपये है। मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास सम्बन्धी प्रस्ताव व सुझाव प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उ.प्र. ब्रज तीर्थ विकास परिषद की सांस्कृतिक धरोहर एवं कुम्भ पुस्तक का विमोचन किया।
बैठक से पूर्व, मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर में दर्शन-पूजन किया। उन्होंने लाडली श्री राधारानी जी मन्दिर बरसाना में पूजा-अर्चना की। उन्होंने रसखान समाधि एवं श्रीकृष्ण भक्त ताज बीबी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने रसखान समाधि देखने के पश्चात उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा किए गए कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि रसखान समाधि पर सप्ताह में एक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाए, जिससे आमजन रसखान समाधि की ओर आकर्षित हो।
मुख्यमंत्री के भ्रमण कार्यक्रम के अवसर पर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, गन्ना विकास एवं चीनी मिलें मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।