- प्रदेश के 17 शहरों में जहां नगर निगम हैं, सभी सेफ सिटी की छतरी के नीचे लाए जाएंगे
- जनपद को मिलेगी सेफ सिटी की छतरी, महिलाओं को मिलेगी सुरक्षा की गारंटी
गाजियाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में सेफ सिटी योजना के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक आहूत हुई। इस अवसर पर जिलाधिकारी आरके सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की सेफ सिटी योजना को जनपद गाजियाबाद सहित प्रदेश के 17 शहरों में लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि योजना का चयन उन शहरों में किया गया है जहां नगर निगम हैं, इसके अंतर्गत जनपद गाजियाबाद को भी सेफ सिटी के अंतर्गत चयनित किया गया है। बैठक में जनपद में सेफ सिटी परियोजना लागू करने की योजना पर विस्तार में चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि सेफ सिटी में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी महिला पुलिस कर्मियों के ऊपर ही होगी। उनके पास पिंक स्कूटर और एसयूवी वाहन होगा, जिससे वह नजर रखेंगी। महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट भी बनेंगे। ऐसे इलाकों को चिन्हित किया जाएगा, जहां महिलाओं का आवागमन रहता है। उनके लिए खतरा रहता है मगर, रोड लाइट फिर भी नहीं हैं। कहीं पर उसकी रोशनी बहुत कम है। इन सड़कों पर शाम बाद तेज रोशनी के इंतजाम किए जाएंगे। बसों में सीसीटीवी कैमरे, जगह-जगह महिला पुलिस क्योस्क बनेंगे, जहां महिला पुलिस कर्मी तैनात होंगी। महिला कर्मियों को लाने ले जाने के लिए बस और एसयूवी भी होंगी। बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वह संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उन क्षेत्रों को चिन्हित करें जहां आपराधिक घटनाएं ज्यादा हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसे चिन्हित स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाया जाना सुनिश्चित कराया जाए ताकि जनपद में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधिक गतिविधियों में कमी आ सके। जिलाधिकारी ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे डार्क जोन का चिन्हाँकन किया जाए जहां उचित प्रकाश व्यवस्था नहीं है। बैठक में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि इस संबंध में ऐसे कुल 284 पॉइंट चिन्हित किए गए हैं जहां उचित प्रकाश व्यवस्था नहीं है जिसको प्राथमिकता पर लेकर जल्द से जल्द प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करा दी जाएगी। जिलाधिकारी ने नगर निगम को निर्देशित किया कि ऐसे इलाकों को चिन्हित किया जाएगा, जहां महिलाओं का आवागमन रहता है ताकि महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनाया जाना सुनिश्चित किया जा सके। बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि सेफ-सिटी योजना का मुख्य उद्देश्य है कि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित संरक्षित और सशक्त माहौल तैयार करना जिसके लिए सभी अधिकारी गुणवत्तापरक कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक, पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा, अपर जिलाधिकारी नगर बिपिन कुमार, नगर मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।