गाजियाबाद। मोहननगर स्थित आईटीएस में अन्तर्महाविद्यालीय आईटी-फेस्ट कोड फिएस्टा-2022 का समापन समारोह आयोजित किया गया। फेस्ट का उद्देश्य विभिन्न संस्थाओं के छात्रों को एक सार्थक मंच उपलब्ध कराना था जहां वे अपनी प्रतिभा, कल्पनाशीलता, क्रियाशीलता, सैद्धांतिक ज्ञान, अनुप्रयोगों के साथ-साथ आपस में मिलकर एक दूसरे की गतिविधियों को जाने तथा आपसी समझ विकसित कर सकें। समारोह में तीन प्रतियोगिताओं को सम्मिलित किया गया था। जिनमे हैकाथॉन (24 घंटे कोडिंग), रिवर्स कोडिंग तथा कोड डिबगिंग सम्मिलित थे। विभिन्न प्रतियोगिताओं में से निर्णायक मंडल की संस्तुति के आधार पर विजेता टीमों का चयन किया गया।
पुरस्कार वितरण समारोह में आईटीएस समूह के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा, मुख्य अतिथि प्रो. एम. एम पन्त (फाउंडर एंड चेयरमैन प्लेनेट ईडीयू एवं पूर्व उप कुलपति इग्नू, उपकार सिंह (वाईस प्रेजिडेंट, आरएमएसआई), आईटीएस मोहननगर के आईटी तथा स्नातक परिसर के निदेशक डा. सुनील कुमार पांडेय, आईटीएस स्नातक परिसर की उप प्रधानाचार्या प्रो. नैंसी शर्मा तथा संयोजक समिति के सदस्य प्रो. सौरभ सक्सेना, प्रो. पूजा धर, प्रो. स्मिता कंसल, प्रो. वरुण अरोरा एवं डा. कादंबरी अग्रवाल उपस्थित थे।
आईटीएस समूह के वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा ने अपने सम्बोधन में सुदूरवर्ती क्षेत्रों से 50 संस्थानों के छात्रों के इस प्रतियोगिता में भाग लेने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आईटीएस समूह इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से छात्रों में आपसी समझ, एक स्वस्थ प्रतियोगितापरक वातावरण में अपनी प्रतिभा करने का सुअवसर प्रदान करता है।
मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित प्रो.एमएम पंत ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा इस संस्था द्वारा किये जा रहे प्रयास अत्यंत सराहनीय है और निश्तित रूप से प्रतिभागियों को एक स्वस्थ प्रतियोगितापरक वातावरण में उत्कृष्ट खेल भावना प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर प्रदान प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में प्रोग्रामिंग के साथ-साथ आपसी संवाद एवं टीम में काम करने की योग्यता तथा प्रॉब्लम सॉल्विंग अप्रोच की अत्यंत आवश्यकता है।
इसके पश्चात विशिष्ट अतिथि उपकार सिंह ने भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि इस समय आईटी इंडस्ट्री की विकास दर एवं लाभांश गंभीर दौर से गुजर रहा है। उन्होंने संबंधित चुनौतियों एवं नवप्रवर्तन पर बोलते हुए कहा कि समय की आवश्यकता समझते हुए हमें क्रियाशीलता कल्पनाशीलता तथा शोध को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और यही एक लम्बे समय के लिए आईटीएस संस्थानों के इस प्रतियोगितापरक एवं चुनौतीपूर्ण समय में सफलता एवं जमे रहने का एक मात्र हल है।
आईटी विभाग के निदेशक डा. सुनील कुमार पांडेय ने समस्त छात्रों एवं प्रतियोगियों को शुभकामनएं देते हुए मुख्य रूप से इस समारोह के भव्य आयोजन में आयोजन समिति के सदस्यो प्रो. सौरभ सक्सेना, प्रो. पूजा धर, प्रो. स्मिता कंसल, प्रो. वरुण अरोरा तथा डा. कादंबरी एवं छात्रों के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन छात्रों को आपस में टीम भावना, आयोजन की बारीकियों, संवाद के साथ-साथ आपस में एक दूसरे को समझने का स्वर्णिम अवसर प्रदान करते हैं। इसके पश्चात आईटीएस स्नातक परिसर की उपप्रधानाचार्या नैंसी शर्मा ने विजेता टीमों को शुभकामनाएं दीं।
हैकाथॉन प्रतियोगिता में भगवान परशुराम इंस्टीट्यूट आॅफ टैक्नोलॉजी, रोहिणी, दिल्ली के कुशाग्र गोयल, अनुराग ठाकुर, अंकुर दुबे तथा दिवित गौर, हिमांशु गोयल, हार्दिक जैन, मानव गर्ग तथा निशांत मित्तल , आईटीएस मोहननगर के सहदेव, रोहित सिंह, कुमार शुभम तथा तुषार सिंह विजेता रहे।
सी डिबगिंग प्रतियोगिता आईटीएस मोहननगर के विशाल सिंह प्रथम, जबकि पंकज कुशवाहा द्वितीय स्थान पर रहे। भगवान परशुराम इंस्टीट्यूट आॅफ टैक्नोलॉजी, रोहिणी, दिल्ली के अनुराग ठाकुर तृतीय स्थान पर रहे।
रिवर्स कोडिंग प्रतियोगिता में भगवान परशुराम इंस्टीट्यूट आॅफ टैक्नोलॉजी, रोहिणी, दिल्ली के दिवित गौर प्रथम जबकि निशांत मित्तल द्वितीय स्थान पर रहे। आईटीएस मोहननगर के विशाल सिंह तृतीय स्थान पर रहे।
इस प्रतियोगिता में 50 व्यवसायिक एवं इंजीनियरिंग संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों के लगभग छह सौ प्रतियोगियों ने विभिन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इनमें अनेक राज्यों आंध्रप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली के शिक्षण संस्थान प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे।
पुरस्कार वितरण समारोह में विजेता टीमों एवं प्रतियोगियों को नकद पुरुस्कार, ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। इनमें सभी विजेताओं को आईटीएस समूह के वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा, आईटी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुनील कुमार पांडेय तथा स्नातक परिसर की उपप्रधानाचार्य प्रो. नैंसी शर्मा ने शुभकामनाएं दीं। सत्र का संचालन आयोजन समिति के सदस्य प्रो. पूजा धर ने किया।