लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि जन सामान्य की शिकायतों का निराकरण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में एक है। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाये। आईजीआरएस एवं विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों का त्वरित व गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये। तहसील, ब्लाक व थाना दिवस पर प्राप्त होने वाले आवेदनों का रिकार्ड रखा जाये। शिकायतों के निस्तारण मे यह प्रयास होना चाहिये कि शिकायतकर्ता समाधान से संतुष्ट हो। शिकायतों के निस्तारण के पश्चात शिकायतकर्ता का फीडबैक भी लिया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने तैनाती स्थल पर ही निवास करें और समय से कार्यालय आयें। अधिकारी जन सुनवाई के लिये समय निर्धारित कर उसे प्रचारित-प्रसारित करें। आमजन की शिकायतों का निस्तारण स्थानीय स्तर पर हो, उन्हें अनावश्यक उच्च स्तरीय कार्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े।
उन्होंने कहा कि हर घर जल योजना के कार्यों में तेजी लायी जाये। इस योजना के तहत जिन जनपदों में अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं करायी गई है, वहां जमीन शीघ्र उपलब्ध करा दें। बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र में कार्य को समय से पूरा कराने के लिये एडीएम को नामित किया गया है। इसी प्रकार अन्य जनपदों में भी कार्य को समय से पूर्ण कराने के लिये एडीएम अथवा सीडीओ को नामित कर सकते हैं। कार्य में रुचि न लेने वाली कार्यदायी संस्थाओं के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक मंडल में अटल आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। इसे मॉडल स्कूल की तरह विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित अधिकारी विद्यालय का कार्य समय से गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के लिये परियोजना की मासिक समीक्षा तथा समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण भी करें।
उन्होंने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के अन्तर्गत नगर निकायों को वेंडर्स को वितरित करने हेतु परिचय बोर्ड उपलब्ध कराये गये हैं, उनका यथाशीघ्र वितरण सुनिश्चित कराया जाये। सभी वेंडर्स क्यूआर कोड एवं परिचय बोर्ड प्रदर्शित करें। डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिये जनजागरण हेतु अभियान चलाया जाये। मुख्य सचिव ने कहा कि बारिश के दौरान कहीं भी जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिये नालियों की सफाई का कार्य युद्धस्तर पर समय से पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घोषित आपदा से होने वाले प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों को राहत सहायता प्रदान किये जाने के लिये राज्य आपदा मोचक निधि से जनपदों को धनराशि आवंटित कर दी गई। इस राशि का प्रयोग सजगता के साथ करें और आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल सहायता पहुंचायी जाये।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन, एनआरएलएम एवं एनयूएलएम में बहुत सारी संभावनायें हैं। इसमें ब्रेन स्टार्मिंग करने की जरूरत है। जनपद अपनी आवश्यकता के अनुसार कोर्स तैयार कर लोगों को प्रशिक्षित कराकर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने स्वामित्व योजना एवं गौ-आश्रय स्थलों के भूसा संग्रहण की अद्यतन प्रगति की भी समीक्षा की।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी गोरखपुर द्वारा रोजगार सृजन हेतु अभिनव प्रयास, मुख्य विकास अधिकारी बरेली द्वारा रोजगार सृजन के लिये हाट बाजार, जिलाधिकारी बलरामपुर द्वारा गन्ना नर्सरी के माध्यम से आजीविका एवं आय, मण्डलायुक्त मुरादाबाद द्वारा एकीकृत कृषि विकास एवं रोजगार सृजन प्लान तथा मुख्य विकास अधिकारी बुलन्दशहर द्वारा खगोलीय नक्षत्रशाला पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि जनपदों द्वारा किये गये अभिनव प्रयास प्रशंसनीय हैं। अन्य जनपद भी इन जनपदों से प्रेरणा लेकर अभिनव प्रयास कर सकते हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास डा. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा सुभाष चन्द्र शर्मा सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।