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2024 तक हर घर को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए हैं प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री

  • पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए तकनीक के उपयोग पर बल दिया जाए
    लखनऊ।
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के हर घर को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाकर समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया जाए।
    सीएम योगी ने लोक भवन में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि वह शीघ्र ही बुन्देलखंड क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं के कार्यों की समीक्षा के लिए वहां प्रवास करेंगे। जल शक्ति मंत्री एवं राज्य मंत्री, विभागीय अधिकारी एवं जल निगम के वरिष्ठ अभियन्ता इस सप्ताह से बुन्देलखंड क्षेत्र एवं विन्ध्य क्षेत्र में संचालित पेयजल परियोजनाओं के कार्यों की भौतिक समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, नगर विकास विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग के साथ अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से पेयजल एवं स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों को सम्पादित करें। गर्मी के मौसम में लोगों को कोई दिक्कत न हो, इसके दृष्टिगत जलापूर्ति सम्बन्धी कार्यों की नियमित आॅनलाइन मॉनीटरिंग की जाए। उन्होंने सभी परिषदीय विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।
    मुख्यमंत्री ने बुन्देलखंड एवं विंध्य क्षेत्र की जनपदवार पेयजल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि पेयजल आपूर्ति, जल प्रबन्धन एवं जल संरक्षण के कार्यों की मण्डल एवं जनपद स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के विगत 05 वर्षों के प्रयासों से सूखे से ग्रस्त रहे बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र के प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल योजना द्वारा लोगों के घरों में पाइप द्वारा शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है। यह बदलते उत्तर प्रदेश की बेहतर तस्वीर है। निर्धारित समय में अधिक से अधिक घरों में जल कनेक्शन के कार्य को पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन से प्रदेश सरकार ने राज्य में 40 वर्षों से अधूरी पड़ी सिंचाई एवं पेयजल परियोजनाओं को विगत 05 वर्षों में तय समय से पहले पूरा करके दिखाया है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए अर्जुन सहायक परियोजना वरदान साबित हो रही है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल उत्तम स्वास्थ्य का आधार है। इसलिए लोगों में जल प्रबन्धन एवं संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जाएं। विशेष रूप से दिमागी बुखार, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षण एवं जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जाएं। ग्राम पंचायत स्तर पर गठित जल समिति को सक्रिय करते हुए जलापूर्ति कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय की जाए। पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए तकनीक के उपयोग पर बल दिया जाए। जल को बचाना एवं उसे संरक्षित रखना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल परियोजनाओं की निर्माण इकाइयों-ओवर हेड टैंक, पाइप लाइन बिछाने जैसे विभिन्न कार्यों को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। लोगों को सतत पेयजल की आपूर्ति कराने के लिए जलापूर्ति से सम्बन्धित सभी कार्यों का बेहतर प्रबन्धन किया जाए तथा क्षतिपूर्ति से सम्बन्धित कार्यों को निष्पादित करने के लिए स्थानीय स्तर के ही किसी प्रशिक्षित व्यक्ति (फिटर) का चयन किया जाए।
    इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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