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क्षय रोग विभाग ने एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाया टीबी का पाठ

  • निक्षय पोर्टल पर क्षय रोगी का पंजीकरण कानूनन जरूरी : डीटीओ
  • छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के जरिए पर्यावरण रक्षा और टीबी से बचाव का संदेश दिया
    हापुड़।
    जिला क्षय रोग विभाग की ओर से विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर गांव अनवरपुर स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने एमबीबीएस के छात्रों को क्षय रोग और भारत सरकार की ओर से क्षय रोगियों के लिए चलाई जा रही निक्षय पोषण योजना की विस्तार से जानकारी दी।
    डीटीओ डा. राजेश सिंह ने बताया कि सरकारी या निजी चिकित्सालय में किसी भी क्षय रोगी को उपचार शुरू करने के साथ ही निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण करना कानूनन जरूरी है। भारत सरकार की इस योजना के तहत क्षय रोगी को उपचार जारी रहने तक हर माह पांच सौ रुपए का भुगतान उसके खाते में किया जाता है। 2018 में शुरू हुई इस योजना के तहत क्षय रोगियों को यह राशि बेहतर खानपान के लिए दी जाती है, ताकि वह जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें। जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर क्षय रोग की जांच और उपचार निशुल्क किया जाता है। आयुष्मान भारत योजना के जिला समन्वयक डा. मारूफ चौधरी ने बताया योजना के तहत लाभार्थी परिवार को हर साल पांच लाख रुपए का मुफ्त उपचार उपलब्ध कराया जाता है।
    इसके अलावा मोदीनगर रोड पर स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज के सब-सेंटर के पास शिवमंदिर चौक पर विभागाध्यक्ष (सोशल एंड प्रीवेंटिव मेडिसिन) डा. आरके सहगल, डा. पीके त्यागी, डा. उज्ज्वल सौरभ, डा. मोहम्मद मिराज और डा. विश्वनाथ घोषाल के निर्देशन में एमबीबीएस के छात्रों की ओर से पेश किए गए नुक्कड़ नाटक को डीटीओ डा. राजेश सिंह ने काफी सराहा। विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर नाटक के जरिए छात्रों ने पर्यावरण रक्षा का संदेश देने का प्रयास किया और बताया कि हमारे बेहतर स्वास्थ्य के लिए ऐसा करना जरूरी है। नुक्कड़ नाटक के दौरान बताया गया कि सांस लेने के लिए शुद्ध वायु और पीने के लिए स्वच्छ जल ही नहीं बचेगा तो हम स्वस्थ्य कैसे रह सकेंगे। प्रदूषण के चलते क्षय रोग, कैंसर और अस्थमा जैसे रोग हो रहे हैं, हमें प्रकृति का क्षरण रोकना होगा और एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते पर्यावरण की रक्षा करनी होगी।

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